सहकार से समृद्धि: छत्तीसगढ़ की सभी 11 हजार से अधिक पंचायतों में बिछेगा सहकारी समितियों का जाल

Cooperative News: छत्तीसगढ़ में सहकारिता के विस्तार को लेकर सरकार बड़े कदम उठा रही है. रायपुर स्थित आपेक्स बैंक के सभागार में संबंधित विभागों के विभागीय अधिकारियों ने बैठक की. इस बीच ‘सहकार से समृद्धि’ पर बनाई गई कार्ययोजना की समीक्षा भी की.

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Chhattisgarh News Today: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आह्वान पर 'सहकार से समृद्धि' की परिकल्पना साकार होने जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सहकारिता आंदोलन (Cooperative Movement) को मजबूत बनाने के लिए ठोस रणनीति तैयार की जा रही है. प्रदेश में सभी 11 हजार 600 से अधिक ग्राम पंचायतों में सहकारी समितियों का जाल बिछाया जाएगा.इसीक्रम में रायपुर में गुरुवारो को शीर्ष अधिकारियों ने एक बड़ी बैठक की है. 

रायपुर स्थित आपेक्स बैंक में हुई बैठक

बात दें, बीते दिन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान सहकारिता के विस्तार के लिए निर्देश दिए थे. इसके बाद आज सहकारिता विभाग के सचिव डॉ सी आर प्रसन्ना एवं कुलदीप शर्मा, आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं छत्तीसगढ़ ने नवा रायपुर स्थित आपेक्स बैंक के सभागार में संबंधित विभागों सहित विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर ‘सहकार से समृद्धि' पर बनाई गई कार्ययोजना की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं.

सक्रिय करने के निर्देश

बैठक में सचिव डॉ प्रसन्ना और आयुक्त कुलदीप शर्मा ने पंचायतवार, पेक्स, मत्स्य समिति और दुग्ध समितियों की जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही क्रियाशील और अक्रियाशील समितियों के चिन्हांकन कर सक्रिय करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि ऐसे ग्राम पंचायत जहां एक भी समिति नहीं है, वहां नवीन समितियों का गठन किया जाए.

समय और पैसों की होगी बचत 

शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि आगामी छह-छह माह इस तरह डेढ़ वर्ष का लक्ष्य बनाकर पेक्स को मबजूत करने और इन पेक्सों में मल्टी एक्टिविटी की सुविधाएं बढ़ाने के दिशा में काम किया जाए. उन्होंने कहा कि पेक्स को मल्टी परपस पेक्स के रूप में विकसित करने से लोगों के लिए घर के द्वार पर ही अनेक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इससे किसानों, गरीबों और मजदूरों के समय और पैसे की बचत होगी.

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नवीन समितियों का गठन किया जाए- डॉ प्रसन्ना

सचिव डॉ प्रसन्ना ने कहा कि आगामी खरीफ फसल की खरीदी का समय नजदीक आ रहा है. इसलिए सभी समितियों के पुराने कार्यों का ऑडिट अनिवार्य रूप से कर ली जाए. वर्तमान में 2058 सहकारी समितियों और 2739 धान उपार्जन केन्द्र हैं. ऐसे ग्राम पंचायत अथवा ऐसे स्थान जहां दूरी अधिक है, वहां नवीन समितियों का गठन किया जाए.

योजना से लाभान्वित करने के निर्देश

उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड एवं रूपे क्रेडिट कार्ड की प्रगति की समीक्षा की और राज्य के ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना से लाभान्वित करने के निर्देश दिए. उन्होंने नेशनल कोऑपरेटिव डेटाबेस की समीक्षा करते हुए सभी समितियों के डेटाबेस को अपडेट करने के निर्देश अधिकारियों को दिए.

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इन योजनाओं की जानकारी प्राप्त की

इसी प्रकार उन्होंने विश्व अन्न भंडारण योजना, भारतीय बीज सहकारी समिति, राष्ट्रीय सहकारी निर्यात समिति, प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र, कॉमन सर्विस सेंटर एवं ई-डिस्ट्रिक्स सर्विस की स्थिति सहित विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त की. बैठक में कहा गया कि यथा संभव समस्त सहकारी संस्थाओं के खाते जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में अनिवार्यता खोले जाना चाहिए, जिससे सहकारिता का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके.

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