Sachin Tendulkar Foundation in Dantewada: भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर अब खेल के ज़रिए सामाजिक बदलाव की बुनियाद रख रहे हैं. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा ज़िले में, जो लंबे समय से नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता रहा है, अब खेल की नई सुबह होने जा रही है. मानदेशी फाउंडेशन (Mann Deshi Foundation) के सहयोग से सचिन तेंदुलकर यहां 50 खेल मैदानों का निर्माण करवा रहे हैं. यह पहल ना सिर्फ युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करेगी, बल्कि उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने का माध्यम भी बनेगी.
नक्सलगढ़ की बदलती तस्वीर
दंतेवाड़ा का नाम सुनते ही ज़हन में एक तस्वीर उभरती है — घने जंगल, आदिवासी जीवन और नक्सली गतिविधियों की छाया. लेकिन अब इस तस्वीर में बदलाव होने जा रहा है. क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर की प्रेरणा और मानदेशी फाउंडेशन की साझेदारी से बस्तर के गांवों में 50 खेल मैदानों का निर्माण हो रहा है, जो वहां के बच्चों और युवाओं के लिए एक नई दिशा तय करेंगे.
कैसी है समाजिक बदलाव की पहल?
इस परियोजना का उद्देश्य न केवल खेल प्रतिभाओं को निखारना है, बल्कि ग्रामीण अंचल में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समावेश को भी बढ़ावा देना है. सचिन तेंदुलकर का मानना है कि खेल जीवन को अनुशासित बनाते हैं और युवाओं में नेतृत्व क्षमता, टीम वर्क और आत्मविश्वास जैसे गुणों को विकसित करते हैं.
इस योजना से विशेष रूप से आदिवासी समुदाय के बच्चों को लाभ होगा, जो अब तक संसाधनों की कमी के कारण अपनी प्रतिभा को सही दिशा नहीं दे पाए थे. यह खेल मैदान उन्हें न केवल अपने सपनों को उड़ान देने का मौका देंगे, बल्कि समाज में एक नई पहचान भी दिलाएंगे.
दंतेवाड़ा में बन रहे ये 50 खेल मैदान महज़ ज़मीन के टुकड़े नहीं, बल्कि सपनों की पगडंडी हैं. सचिन तेंदुलकर की इस पहल से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में बस्तर से भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी उभरेंगे. यह बदलाव न केवल खेल के क्षेत्र में होगा, बल्कि समाज की मानसिकता और सोच में भी नई रोशनी लाएगा.
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