Rose Farming: गुलाब की खेती से महक रहा है इस किसान का जीवन, कमाई बढ़ी, अब यहां तक हो रही सप्लाई

Dutch Rose Farming: आने वाले त्यौहारों व शादी सीजन में बाजारों में फूलो की मांग बढ़ेगी, जिससे उनके आय में और अधिक वृद्धि होगी. यह एक अच्छा उदाहरण है कि कैसे एक किसान अपनी मेहनत और सोच के बल पर अपने जीवन को बेहतर बना सकता है और दूसरों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन सकता है.

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Rose Farming: गुलाब की खेती से बढ़ी कमाई

Gulab ki Kheti Kaise Kare: आज के समय में पारंपरिक खेती की तुलना में बागवानी या फूलों की खेती (Flower Farming) किसानों के लिए अधिक मुनाफा देने वाली खेती साबित हो रही है. गुलाब की खेती (Rose Farming) की तरफ किसानों का रुझान बढ़ रहा है, क्योंकि गुलाब की मांग पूरे वर्ष बनी रहती है और त्यौहारों, शादी समारोह व विभिन्न आयोजनों के समय इसकी मांग काफी बढ़ जाती है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के एमसीबी (MCB) जिले के विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ के ग्राम पंचायत लालपुर में रहने वाले एबी अब्राहम ने गुलाब की खेती (Gulab Ki Kheti) करके एक मिसाल कायम की है और दूसरे किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं.

कमाई बढ़ी

उनकी सफलता की कहानी यह दर्शाती है कि कैसे पारंपरिक खेती से हटकर नए क्षेत्रों में प्रयास करने से आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है. आस-पास के इलाके में डच रोज़ की खेती शुरू करने वाले किसानों को भी अच्छा मुनाफा हो रहा है. यह दर्शाता है कि फूलों की खेती एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है, जो किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकता है.

किसान का क्या कहना है?

एबी अब्राहम बताते हैं कि वर्तमान समय में किसान को बेमौसम बारिश, तूफान, अतिवृष्टि, सूखा जैसी कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है साथ ही विभिन्न प्रकार के कीटों व बीमारियों से अपनी फसलों की रक्षा करनी पड़ती है. इतनी परेशानियों के बाद भी किसान को अपेक्षाकृत अधिक लाभ नहीं मिल पाता है. उनके द्वारा पूर्व में भी अपनी जमीन पर धान की फसल लगाया जाता था, जिससे उन्हें अधिक आमदनी नहीं होती थी.

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Gulab Ki Kheti: एबी अब्राहम

एबी अब्राहम ने परम्परागत कृषि से अलग आधुनिक खेती कर अपनी आय में वृद्धि करने की सोची. इसी दौरान लाभार्थी को नेशनल हार्टिकल्चर बोर्ड द्वारा डच रोज़ की खेती की जानकारी मिली. डच रोज़ कल्टीवेशन से लंबे समय तके होने वाले लाभ की सोच से उन्होंने इसका खेती करने का निश्चय किया और अपने जमीन पर पाली हॉउस तैयार कर गुलाब की खेती प्रारंभ की.

उद्यानिकी विभाग द्वारा उनके हौसले को बढ़ाते हुए समय पर दस्तावेजों की पूर्ति कराई गई और समय समय पर विभाग द्वारा एबी अब्राहम को आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है.

ऐसे बढ़ी सप्लाई

एबी अब्राहम द्वारा फरवरी 2024 में लगभग अपने 1 एकड़ जमीन पर पॉली हाऊस का निर्माण कराकर डच रोज़ की खेती प्रारंभ की है. जहां उन्होंने इसकी 40,000 पौधे का प्लांटेशन किया. पॉली हाऊस के अंदर डच रोज़ की खेती करने से पौधों को सीधे सूर्य की रौशनी, बारिश, आंधी से सुरक्षा मिलती है. सूक्ष्म सिंचाई और टपक विधि से कम पानी में गुलाब की खेती में सफलता प्राप्त हो रही है. एबी अब्राहम द्वारा किए गए गुलाब की खेती को देखने के लिए दूर-दूर से लोग भी आते हैं.

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एबी अब्राहम की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है, कि कैसे एक किसान ने अपनी मेहनत और सोच के बल पर अपने आय में वृद्धि की और अपने जीवन को बेहतर बनाया. गुलाब के उत्पादन के शुरुआत से ही बाजार में इसकी मांग आने से एबी अब्राहम का उत्साह बढ़ा हुआ है.

वे कहते हैं कि विभागीय मदद से उन्होंने डच रोज की खेती करने का बड़ा फैसला लिया है, जिसका अब उन्हें लाभ मिल रहा है. वर्तमान में उनके द्वारा आस-पास के इलाके जैसे बिलासपुर, अम्बिकापुर में फूलों  का विक्रय किया जा रहा है. साथ ही उनके द्वारा इवेंट ऑर्गेनाइजर, डेकोरेशन शॉप्स वालों से भी संपर्क किया जा रहा है, जिससे आगे चलकर बड़े पैमानों पर गुलाब का विक्रय किया जा सके.

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