गरीबों के हक में डाका! बलरामपुर ज़िले की विधवाओं का सवाल- आखिर कब मिलेगी पेंशन?

Chhattisgarh Pension News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर (Balrampur) जिला मुख्यालय से लगे हुए ग्राम पंचायत बड़की महरी के दो दर्जनों से ज़्यादा गरीब और बुज़ुर्ग पेंशनधारियों को पेंशन नहीं मिला है. बीते एक साल से हालत जस के तस है. इस वजह से उन्हें कई तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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Chhattisgarh Pension News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर (Balrampur) जिला मुख्यालय से लगे हुए ग्राम पंचायत बड़की महरी के दो दर्जनों से ज़्यादा गरीब और बुज़ुर्ग पेंशनधारियों को पेंशन नहीं मिला है. बीते एक साल से हालत जस के तस है. इस वजह से उन्हें कई तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. परेशान पेंशन हितग्राही अपनी समस्याओं को लेकर सरकारी दफ्तरों के कई दफा चक्कर भी काट चुके हैं लेकिन उनकी सुनने को कोई तैयार नहीं है.  परेशान पेंशन हितग्राही आज भी पेंशन के आस में टकटकी लगाए बैठे हैं... लेकिन प्रशासन के सुस्त रवैये के चलते उन्हें पेंशन का एक रुपया भी नहीं मिल पाया है.

एक साल से ग्रामीणों को नहीं मिली पेंशन 

दरअसल, गरीब बुजुर्ग एवं विधवा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार पेंशन की योजना चल रही है लेकिन इस योजना को विभागीय उदासीनता के चलते सरपंच और सचिव पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. गरीबों के हक में डाका डाला जा रहा है जिसकी भनक विभाग तक को भी नहीं है. आखिर सरकार की तरफ से दी जा रही योजनाओं का लाभ लोगों को ना मिले तो कोई कब तक यूंही चुप बैठेगा? जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत बड़की महरी में पिछले 1 साल से करीब दो दर्जन से अधिक हितग्राहियों को पेंशन नहीं मिला है. कुछ हितग्राही ऐसे भी है जिनकी उम्र 70 साल से ज़्यादा है लेकिन आज तक उनका नाम पेंशन सूची में नहीं जुड़ा है और उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है? 

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सरपंच से पूछने पर देते हैं गोल-मोल जवाब 

बता दें कि 'वृद्ध एवं विधवा' पेंशन नहीं मिलने से परेशान ग्रामीणों  ने अपनी दुख बयान करते हुए बताया कि पिछले 12 महीनों से कुछ पेंशन हितग्राहियों को पेंशन नहीं मिला है तो किन्हीं को 6 महीने से पेंशन नहीं मिला है. ऐसे में लोगों को उन्हें जीवन यापन करने में कई तरह की दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमें समय पर पेंशन की राशि मिलती तो हमें दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता लेकिन जब हम पेंशन के बारे में सरपंच-सचिव से पूछते हैं तो वो सिर्फ आजकल-आजकल कहकर गुमराह करते हैं. ऐसे में ये हमारे लिए एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. 

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पेंशन के इंतज़ार में ज़िले के ग्रामीण

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परेशानियों से जूझ रहे दो दर्जन से ज़्यादा वृद्ध और विधवा पेंशनधारी आज भी पेंशन की आस में टकटकी लगाए बैठे हैं.  इस मामले को लेकर जब NDTV ने जिले के कलेक्टर रिमीजियूस एक्का से बात की तो उन्होंने मामले पर जांच कर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन तो दे दिया लेकिन देखना अब यह है कि आश्वासन सिर्फ आश्वासन ही रहता है या फिर गरीब पेंशनधारियों को उनका हक मिलता है और दोषियों पर किस तरह की कार्रवाई होती है.

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