RKM Power Plant Accident: छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के डभरा स्थित आरकेएम पावर प्लांट में सोमवार देर रात हुए हादसे ने चार परिवारों की दुनिया उजाड़ दी. हादसे में चार मजदूरों की मौत हो गई, जबकि छह मजदूर गंभीर रूप से घायल हैं. सभी घायल रायगढ़ के जिंदल फोर्टिस हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं.
आरकेएम पावर प्लांट हादसे ने छीन ली चार जिंदगियां
जानकारी के मुताबिक, मजदूर प्लांट के किलन की सफाई के लिए लिफ्ट से ऊपर जा रहे थे कि अचानक लिफ्ट की चेन टूट गई और सभी 40 से 50 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिर पड़े. डॉक्टरों ने मौके पर ही 3 मजदूरों को मृत घोषित कर दिया, जबकि एक मजदूर की मौत इलाज के दौरान हो गई. ये सभी मजदूर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रहने वाले थे, जो अपने परिवार के लिए रोजी-रोटी की तलाश में सैकड़ों किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ आए थे.
400 किलोमीटर दूर सोनभद्र से आए परिजन न्याय और सहारे के इंतजार में
हादसे की खबर मिलते ही 400 किलोमीटर दूर सोनभद्र से 30 से 40 परिजन बसों और ट्रेनों से रायगढ़ पहुंचे, लेकिन यहां आने के बाद उन्हें न आश्रय मिला, न प्रशासन का सहारा. जिंदल फोर्टिस हॉस्पिटल के बाहर परिजन ठंडे फर्श पर बैठकर अपने अपनों की आखिरी झलक पाने का इंतजार कर रहे हैं. आंखों में आंसू और दिल में सवाल “क्या मजदूर की जान की कोई कीमत नहीं?”
आरकेएम प्लांट के अधिकारी फरार
पोस्टमार्टम अब तक नहीं हो पाया, क्योंकि कंपनी प्रबंधन और परिजनों के बीच मुआवजे की राशि को लेकर सहमति नहीं बनी. उधर, प्रशासन की उदासीनता से पीड़ित परिवारों में आक्रोश है. उनका आरोप है कि जिला प्रशासन का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा और आरकेएम प्लांट के अधिकारी भी घटना के बाद लापता हैं. करीब 40 से अधिक परिजन सोनभद्र से यहां पहुंचे हैं, लेकिन खाने-पीने तक की कोई व्यवस्था नहीं.
पीड़ित परिजनों ने दी चेतावनी
थके, टूटे और भूखे परिजन अब न्याय की उम्मीद में अस्पताल के बाहर डटे हुए हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द मुआवजा और जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे गुरुवार सुबह आरकेएम प्लांट के सामने धरना देंगे.
यह हादसा केवल एक तकनीकी चूक नहीं, बल्कि मानवता पर एक करारा सवाल है. लगातार हो रहे हादसों ने आरकेएम पावर प्लांट को मजदूरों के लिए “कब्रगाह” बना दिया है, जबकि प्रबंधन और प्रशासन की चुप्पी अब क्रूरता की हद छू रही है.