
रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के रिश्ते का एक पवित्र त्यौहार है पर इस वर्ष लोगों में रक्षाबंधन को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई है. वजह है इस साल रक्षाबंधन के त्योहार का दो दिन पड़ना. इस साल रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त को रात्रि 9:02 के बाद शुरु हुआ, इसके साथ हीं 31 अगस्त को सुबह 7:05 मिनट से भी रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त प्रारंभ है जोकि दिनभर रहेगा. ज्योतिषियों के अनुसार 31 अगस्त की सुबह 7:05 से लेकर पुरा दिन शुभ मुहूर्त रहेगा, इस बीच बहन अपने भाई की कलाई में राखी बांध सकती है. ज्योतिषियों का कहना है कि भद्राकाल की वजह से बहने अपने भाइयों को राखी नहीं बांध सकती थी, क्योंकि भद्राकाल के दौरान राखी बांधना अशुभ माना जाता है.
एक ओर जहां शुभ मुहूर्त को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है तो वहीं रक्षाबंधन पर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह भी देखने को मिल रहा है. बाजारों में राखी, मिठाई सहित अन्य गिफ्ट खरीदने के लिए दुकानों में भीड़ उमड पड़ी है, महिलाएं व युवतियां अपने भाई के लिए अपनी पसंद की राखियां ले रहीं है.
मार्केट में राखी ले रही एक युवती ने कहा कि जो लोग मुहूर्त को मानते वो लोग आज रक्षाबंधन मना रहें हैं तो वहीं कई लोगों ने कल मनाएं है. दुकानदारों का कहना है कि इस साल मुंबई, दिल्ली, गुजरात से काफी सारे डिजाइन की राखियां मंगाई गई हैं, बच्चे, बड़े, भैया भाभी सभी के लिए कई कलेक्शन आए हुए हैं, वहीं लाइट, म्यूजिक, बुटीक, चंदन लकड़ी, रंग-बिरंगे पत्थरों वाली राखियां, रेशमी धागे, चांदी की राखी, कार्टून वाली राखियां, बच्चों को खूब पसंद आ रहें हैं.
राखी लिए CRPF कैंप पहुंची महिलाएं

CRPF कैंप में महिलाएं
रक्षाबंधन पर भाई बहनों का एक मार्मिक नजारा भी हमारे सामने आया जब रतावा सरपंच और साहू समाज की महिलाएं काफी संख्या में धमतरी से लगे ग्राम नगरी के वनांचल क्षेत्र के बिरनासिल्ली सीआरपीएफ कैंप पहुंची जहां उन्होनें कैंप के जवानों को रक्षा सूत्र बांधकर मुंह मीठा कराया और जवानों की लंबी उम्र की कामना की. वहीं देश भक्ति से ओतप्रोत वातावरण में यहां बड़ी संख्या में फौजी भाइयों ने बहनों का मनोबल बढ़ाया, साथ ही साथ जवानों ने देशभक्ति गीत भी सुनाया. साहू समाज की महिलाओं ने कहा कि देश सेवा में तैनात जवानों को छुट्टी नहीं मिल पाती, जिसके कारण वह घर नहीं जा पाते, इसलिए कैंप में आकर साहू समाज की बहनों ने भाइयों को राखी बांधी ताकि उनकी कलाई खाली न रहे.