अपनी जान को खतरे में डाल बचाई जिंदगियां: 4 बच्चों को मिला राज्य वीरता पुरस्कार, जानें इनकी बहादुरी की कहानी 

State Bravery Award: खुद की जान को खतरे में डालकर दूसरों की जिंदगियां बचाने वाले 4 बच्चों को छत्तीसगढ़ राज्य वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने इन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया है.

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State Bravery Award: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में गणतंत्र दिवस मुख्य समारोह में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन (Biswabhusan Harichandan) ने राज्य के 4 बच्चों को राज्य वीरता पुरस्कार (State Bravery Award)से सम्मानित किया है. ये सम्मान उन्हें उनकी विशेष वीरता, साहस और बुद्धिमत्ता के लिए दिया गया है. इस पुरस्कार के लिए इन बच्चों को 25 हजार रुपये की राशि और प्रशस्ति पत्र दिया गया है. जिसमें मास्टर अरनव सिंह, मास्टर ओम उपाध्याय, मास्टर प्रेमचंद साहू और मास्टर लोकेश कुमार साहू शामिल हैं.    

डम्पिंग यार्ड से बाहर निकाल बचाई 4 जिंदगियां 

बता दें कि मास्टर अरनव सिंह सरगुजा जिले के लक्ष्मीपुर के रहने वाले हैं. वो 12 नवम्बर, 2023 को अपने परिवार के साथ गृह ग्राम उदयपुर में दीपावली पूजन मनाने गए थे. हालांकि 12  नवम्बर को ही उदयपुर से कार से जरिए अम्बिकापुर लौट रहे थे रहे थे. इसकी दौरान उन्होंने साड़बहार बैरियर के पास देखा कि कुछ दूरी पर आग की ऊंची-ऊंची लपटें आ रही है. ये घटना रात करीब 12.30 बजे की है. वहीं मास्टर अरनव सिंह अपने कार से उतर कर वहां जाकर देखा कि स्वच्छता चेतना पार्क के पास स्थित डंपिंग यार्ड में भीषण आग लगी हुई है. जिसके बाद अनवर सिंह ने तत्काल 112 नम्बर पर कॉल किया.

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इधर, अनवर सिंह द्वारा सूचना मिलने के 15 मिनट के भीतर ही मणिपुर थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहुंच गये और वहां सो रहे तीन व्यक्तियों और चौकीदार को जगाकर लोगों को सुरक्षित बाहर निकला. जिससे कई लोगों की जिंदगियां बच गई है. 

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कुत्तों के हमले के बाद भी ओम उपाध्याय ने नहीं हारी हिम्मत

वहीं 16 साल के दिव्यांग ओम उपाध्याय दुर्ग जिले के कृपाल नगर भिलाई के रहने वाले हैं. उन्होंने अपने घर के बाहर खेल रहे बच्चों को कुतों के हमले से बचाया था. दरअसल,  20 दिसम्बर, 2023 को सुबह 8.30 बजे उपाध्याय दुर्ग के घर के पास छोटे-छोटे बच्चे खेल रहे थे. दूर खड़े ओम ने देखा कि कुछ खौफनाक कुत्ते बच्चों की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने पहले कुत्तों को वहां से भगाने का प्रयास किया, लेकिन एक कुत्ता आक्रमक हो गया और बच्चों की तरफ दौड़ने लगा. तब ओम ने अपने जान की परवाह किए बगैर बच्चे को बचाया. वहीं आक्रामक कुत्ते को भगाने के दौरान डॉग ने ओम के हाथ में दांत गड़ा दिया, लेकिन उसके बावजूद भी ओम हार नहीं माने और कुत्तों से छोटे-छोटे बच्चों की जान बचाई.

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तालाब में डूब रहे बच्चे की बचाई थी जान

रायपुर जिले के रामपुर डंगनिया निवासी प्रेमचंद साहू (9 साल) और लोकेश कुमार साहू (13 साल) ने अपने वीरता का परिचय देते हुए तालाब में डूबते हुए बच्चे की जान बचाई थी. दरअसल, 7 मार्च, 2023 को दोपहर 1.30 बजे लोकेश कुमार साहू, पुष्पेन्द्र साहू और प्रियांशु साहू एक साथ डंगनिया तालाब में नहाने के लिए गए थे. नहाते समय 9 साल के पुष्पेन्द्र का पैर फिसल गया और वो तालाब की अधिक गहराई में चला गया. जिसे देखकर प्रियांशु साहू ने पुष्पेन्द्र को बचाने के लिए आवाज लगाई. वहीं खुद की जान जोखिम में डालकर लोकेश कुमार साहू और प्रेमचंद साहू ने पुष्पेन्द्र की जान बचाई थी.उस दौरान  दोनों ने अदम्य साहस और सूझबूझ का परिचय दिया था. 

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