बसपा प्रमुख मायावती ने कहा निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी पर लगे रोक, जवाब में सीएम साय ने कहा "छत्तीसगढ़ शांति का टापू है....."

Chhattisgarh: मायावती के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय ने उपद्रवियों की निंदा करने के लिए मायावती का आभार व्यक्त किया. साय ने अपने 'एक्स' हैंडल पर लिखा, 'धन्यवाद सुश्री मायावती जी. छत्तीसगढ़ शांति का टापू है और इसे बनाये रखने की हर संभव कोशिश की जायेगी. प्रदेश की शांति व्यवस्था को कायम रखना हमारी सरकार की प्राथमिकता है.'

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
Raipur News: आगजनी की घटना के बाद राज्य सरकार ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के जिलाधिकारी के एल चौहान और पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार का तबादला कर दिया था

Madhya Pradesh: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती (Mayawati) ने छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में हुई हिंसा की घटना को लेकर चिंता जताते हुए सोमवार को कहा कि सतनामी समाज के निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए. मायावती के इस बयान के जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने कहा कि छत्तीसगढ़ शांति का टापू है और इसे बनाए रखने की हर संभव कोशिश की जायेगी.

10 तारीख को हुआ था बवाल

दरअसल इस महीने की 10 तारीख को भीड़ ने एक धार्मिक ढांचे के कथित तोड़फोड़ के खिलाफ सतनामी समाज द्वारा बुलाए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान बलौदाबाजार शहर में एक सरकारी कार्यालय की इमारत और दोपहिया तथा चार पहिया वाहनों सहित 150 से अधिक वाहनों में आग लगा दी थी. इस साल 15 और 16 मई की मध्य रात्रि को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के गिरौदपुरी धाम में पवित्र अमर गुफा के पास कुछ अज्ञात लोगों ने सतनामी समाज द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र प्रतीक 'जैतखाम' या 'विजय स्तंभ' को तोड़ दिया था. पुलिस ने बाद में इस घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था.

Advertisement

धारा 144 हो गई थी लागू

इस घटना के विरोध में समाज ने 10 जून को बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में प्रदर्शन और जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करने का आह्वान किया था. तब विरोध प्रदर्शन में आगजनी और पथराव हुआ था जिसके बाद जिला प्रशासन ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी थी जिसके तहत बलौदाबाजार शहर में चार या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई थी.

Advertisement

141 लोगों को किया गिरफ्तार

पुलिस के अनुसार आगजनी के सिलसिले में अब तक 141 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से कुछ भीम रेजिमेंट के कार्यकर्ता हैं. छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत बाबा घासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की थी. आपको बता दें राज्य की अनुसूचित जातियों में बड़ी संख्या सतनामी समाज के लोगों की है तथा यह समाज यहां के प्रभावशाली समाजों में से एक है.

Advertisement

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने सोमवार को इस घटना को लेकर अपने 'एक्स' हैंडल पर लिखा, 'छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज के आस्था के केंद्र गिरौदपुरी से लगा हुआ अमर गुफा में असामाजिक तत्वों के द्वारा परम पूज्य बाबा गुरूघासी दास जी के जय स्तंभ को काटकर फेंक दिया जाना अति-चिन्ताजनक है.'

सतनामी समाज कर रहा था CBI जांच की मांग

मायावती ने कहा,‘‘ इसके विरोध में सतनामी समाज द्वारा सीबीआई जांच की मांग को लेकर बलौदाबाजार में किये गये धरना प्रदर्शन के दौरान जिलाधिकारी परिसर में षड्यंत्रकारी असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़-फोड़ आदि की घटना भी अति निंदनीय है.''

उन्होंने कहा, ''उक्त घटना की आड़ में शासन प्रशासन द्वारा निर्दोष सतनामी समाज के लोगों की गिरफ्तारी व मारपीट के ऊपर रोक लगाई जाये तथा उन्हें बिना शर्त तत्काल रिहा किया जाये व असली दोषियों के ऊपर जांच कर कार्यवाही की जाये.''

विष्णु देव साय ने की इस पर टिप्पणी

उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय ने उपद्रवियों की निंदा करने के लिए मायावती का आभार व्यक्त किया. साय ने अपने 'एक्स' हैंडल पर लिखा, 'धन्यवाद सुश्री मायावती जी. छत्तीसगढ़ शांति का टापू है और इसे बनाये रखने की हर संभव कोशिश की जायेगी. प्रदेश की शांति व्यवस्था को कायम रखना हमारी सरकार की प्राथमिकता है.'

साय ने कहा, 'कुछ निहित स्वार्थी तत्व राजनीतिक प्रश्रय पा कर समाज में विष बोने का काम कर रहे हैं, उनसे कड़ाई से निपटा जायेगा. हर समाज के लोग यहां आपस में सौहार्द के साथ रहते हैं. आपने उपद्रवियों की निंदा की इसके लिए पुनः धन्यवाद आपका.  पूज्य गुरु घासीदास के उपदेश हमारे लिए प्रेरक हैं। ‘मनखे मनखे एक समान' की भावना से ही हमारी सरकार काम कर रही है.'

घटना के बाद अधिकारियों का हो गया था तबादला

आगजनी की घटना के बाद राज्य सरकार ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के जिलाधिकारी के एल चौहान और पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार का तबादला कर दिया था और जिले में सतनामी समुदाय के जैतखाम को नुकसान पहुंचाने के बाद उचित कार्रवाई न करने के आरोप में दोनों को निलंबित कर दिया था.

राज्य के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के मंत्री दयालदास बघेल और राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कांग्रेस नेताओं पर 10 जून को विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया था.

उनके आरोपों का खंडन करते हुए, कांग्रेस ने दावा किया था कि मंत्रियों ने अपनी सरकार की विफलता और अक्षमता को छिपाने के लिए कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाए हैं.

ये भी पढ़ें विष्णु कैबिनेट में नए चेहरे की होगी एंट्री ! अचानक दिल्ली पहुंचे CM, नेताओं के साथ मीटिंग के बाद फैसला जल्द

ये भी पढ़ें MP News: लोगों के लाखों रुपए लेकर फरार हो गया बिल कनेक्शन एजेंट, अधिकारी बने रहे सिर्फ मूक दर्शक

Topics mentioned in this article