Raipur AIIMS: रायपुर शासकीय मेडिकल कॉलेज के बाद अब रायपुर एम्स में रैगिंग (Raipur AIIMS Ragging)का मामला सामने आया है. आरोप है कि रायपुर में संचालित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में MBBS 2023 बैच के छात्रों के समूह के साथ रैगिंग हुई है. इन सभी छात्रों को एक समूह में बुलाकर एक छोटे से कमरे में बंद कर दिया गया. जिससे उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हुई. बताया जा रहा है कि इस दौरान कुछ छात्राएं बेहोश होकर गिर भी गईं.आरोप है कि सीनियर छात्र यहां भी नहीं रुके और छात्रों को मात्र टी-शर्ट पहन कर ठंड में बास्केटब़ॉल कोर्ट में बुलाया. ये पूरा मामला नवंबर के दूसरे हफ्ते का है.इसकी शिकायत (MBBS Students Complaint) जूनियर स्टूडेंट्स ने हेल्पलाइन नंबर और एंटी रैगिंग के लिए काम करने वाली संस्थाओं से की है. छात्रों ने अपनी शिकायत में कहा है कि कई सीनियर स्टूडेंट उन्हें इस मामले में कोई जानकारी किसी और को देने पर और भी कड़ी कार्रवाई करने की धमकी दे रहे हैं. हद ये है कि इस पूरे मामले एम्स प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है.
कॉलेज मामले पर गंभीर नहीं: मीरा कौर पटेल
दरअसल रायपुर में लगातार मेडिकल इंस्ट्रीट्यूशन में रैगिंग के मामले सामने आ रहे हैं. इससे पहले रायपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज में सामूहिक रैगिंग का मामला आया था. ताजा मामला रायपुर एम्स का है. यहां जूनियर छात्रों के साथ सामूहिक रैगिंग हुई है. इसी में से एक पीड़ित छात्र ने सोसायटी अगेंस्ट वायलेंस इन एजुकेशन यानी SAVE से मामले की लिखित में शिकायत की है. इसी के बाद मामला प्रकाश में आया है. सुप्रीम कोर्ट एंव SAVE की लीगल हेड मीरा कौर पटेल ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया है कि रायपुर एम्स से किसी स्टूडेंट से एक ई-मेल मिला है, जिसमें बताया गया है कि उनके साथ रैगिंग हुई है. सीनियर स्टूडेंट्स ने उन्हें एक ऐसे कमरे में बंद कर दिया, जहां सांस लेना मुश्किल था. इसके अलावा सिंपल टीशर्ट में उन्हें बहुत ठंड में बास्केटबॉल ग्राउंड बुलाया गया, रायपुर एम्स ने इसपर उचित निर्णय नहीं लिया, कॉलेज बहुत सीरियसली इस इंसिडेंट को नहीं ले रहा है. ये तब है जबकि पीड़ित छात्रों ने एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर भी शिकायत की है.
दोषी स्टूडेंट्स पर हो कड़ा एक्शन: IMA
IMA रायपुर के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने भी NDTV से कहा- नवंबर के द्वितीय सप्ताह में रायपुर एम्स में फिर से रैगिंग का एक मामला सामने आया है. इसमें छात्रों ने शिकायत की है कि उन्हें एक यूनियन रूम में बंद करके रखा गया, लड़कियां गिरने लगी यह सब गार्ड की उपस्थिति में उनके सीनियर ने उनके साथ किया.इन छात्रों ने अपनी शिकायत में कुछ सीनियर छात्रों के नाम भी बताए हैं. इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
पहले 5 सीनियर स्टूडेंट्स पर हुआ है एक्शन
रायपुर में एम्स में रैगिंग का यह पहला मामला नहीं है. कुछ महीने पहले भी ऐसी ही एक शिकायत हुई थी, जिसपर जांच के बाद आरोपी छात्र पर कार्रवाई की गई थी. करीब एक महीने पहले ही रायपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज में भी रैगिंग की शिकायत हुई. जांच के बाद पांच सीनियर छात्रों पर कार्रवाई की गई. इसके बावजूद रैगिंग के मामले थम नहीं रहे.
एम्स प्रशासन नहीं दे रहा प्रतिक्रिया
रायपुर एम्स में रैगिंग को लेकर प्रबंधन कितना गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब हमने इस मामले में स्टूडेंट वेलफेयर के डीन डॉक्टर चावली से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि वे इस मामले में हम कोई जानकारी नहीं दे सकते हैं. आपको जानकारी लेनी है तो आप पीआरओ के पास जाइए. इसके बाद हमें PRO का जो नंबर उपलब्ध कराया गया हमने उस पर कॉल किया लेकिन उसे रिसीव नहीं किया गया. इसके बाद हमने उनको मैसेज किया जिसका जवाब अब तक नहीं मिला है. छत्तीसगढ़ के मेडिकल इंस्टीट्यूशंस में रैगिंग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं इस पर अब शासन प्रशासन क्या कार्रवाई करेगा यह भविष्य में ही देखने को मिलेगा लेकिन रैगिंग के इन मामलों ने चिंता जरूर बढ़ा दी है.
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