पंडित सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी के छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और CM विष्णु देव साय, मेडल पाकर स्टूडेंट्स के खिले चेहरे

Pt SSOU 6th Convocation Ceremony In Bilaspur: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थिति पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह का आयोजन शनिवार को किया गया. इस बीच समारोह में राज्यपाल  विश्व भूषण हरिचंदन एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छात्रों को उपाधियां और गोल्ड मेडल प्रदान किया.

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पंडित सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी के छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और CM विष्णु देव साय.

Pt SSOU 6th Convocation Ceremony: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय गुरुवार को बिलासपुर के पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह (Pt SSOU 6th Convocation Ceremony) में शामिल हुए. दीक्षांत समारोह में विभिन्न सत्रों की परीक्षाओं में छात्रों को स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, पात्रोपधि के लिए उपाधि और स्वर्ण पदक प्रदान किया. इस मौके पर राम प्रताप सिंह और सुरभा देश पांडे को विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि दी गई. समारोह में कुलाधिपति द्वारा पीएचडी छात्रों को उपाधि प्रदान की गई. इस उपाधि के आचार एवं गौरव की रक्षा करने के संदेश दिए गए. 
 

राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि मुझे छठवें दीक्षांत समारोह में शामिल होते हुए बेहद खुशी हो रही है. उन्होंने स्वर्ण पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को बधाई.


"सुंदरलाल शर्मा जी के सपनों को गढ़ रहा विवि."

पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह का हुआ आयोजन.

राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि "आपकी महत्वपूर्ण उपलब्धियां आपके कठिन परिश्रम, समर्पण, आपकी शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण है. पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय 21 मार्च 2005 को स्थापित हुआ. पंडित सुंदरलाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ में जन जागरूकता एवं सामाजिक प्रगति लाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. यह विश्वविद्यालय पंडित सुंदरलाल शर्मा जी के सपनों को गढ़ने एवं साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. उच्च शिक्षण गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विश्वविद्यालय को नैक द्वारा ए प्लस ग्रेड दिए जाने के लिए भी बधाई दी."

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"सामाजिक सरोकारों को भी पूरा कर रहा विवि."

राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि "विकसित भारत, समृद्ध भारत की संकल्पना पर आधारित है. विकसित भारत संकल्पना के जरिए क्षेत्र के सभी नागरिकों को अपनी क्षमता के अनुसार विकास करने के अवसर प्रदान किए जाएंगे. यह विश्वविद्यालय जनजाति क्षेत्र में रहने वाले अति पिछड़े समुदायों तथा कोविड-19 से प्रभावित लोगों को शिक्षा का अवसर प्रदान कर अपने सामाजिक सरोकारों के उद्देश्य को भी पूरा कर रहा है."

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"नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है"

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए स्वर्ण पदक एवं उपाधि हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई और उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी. साय ने कहा, "मुझे प्रसन्नता है कि हमारे छत्तीसगढ़ राज्य का एकमात्र यह मुक्त विश्वविद्यालय अपने अकादमिक और शैक्षणिक गतिविधियों के साथ नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है. दूरस्थ अंचलों में बसे ऐसे शिक्षार्थियों के लिए जो किसी कारणवश उच्च शिक्षा से वंचित रह गए हैं या नौकरी पेशा वर्ग के ऐसे विद्यार्थी जो अपने भावी सपनों को साकार करना चाहते हैं,उनके लिए यह विश्वविद्यालय शिक्षा के अवसर प्रदान करने का प्रमुख केंद्र बन गया है."

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"कठिनाइयों को बहुत नजदीक से देखा है"

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, "मैं स्वयं राज्य के दूरस्थ क्षेत्र जशपुर का हूं. इसलिए मैंने हमारे छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों के लोगों की कठिनाइयों को बहुत नजदीक से देखा है. मैं दूरस्थ अंचलों में बसे हमारे राज्य के लोगों की कठिनाइयों को महसूस कर सकता हूं. मुझे खुशी है कि यह विश्वविद्यालय अपने ध्येय वाक्य "उच्च शिक्षा आपके द्वार" के अनुरूप अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है."

"संयुक्त डिग्री के लिए कार्यक्रम शुरू.."

सीएम ने कहा, "शिक्षा का मूल उद्देश्य सर्वे भवंतु सुखिनः के ध्येय वाक्य के साथ एक दूसरे की मदद करना है. हमारे राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू किए जाने से युवाओं में तार्किक क्षमता के संवर्धन के साथ ही उनका सर्वांगीण विकास होगा. इस विश्वविद्यालय को यूजीसी के 235 विश्वविद्यालय की उस सूची में शामिल किया गया है, जो संयुक्त अथवा दोहरी डिग्री दे सकता है."

अब यह विश्वविद्यालय विदेशी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर संयुक्त डिग्री के लिए कार्यक्रम शुरू कर सकता है. यह खुशी की बात है कि हमारे छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी विदेशी विश्वविद्यालय से जुड़ सकेंगे.

"अंचल की भाषा संस्कृति को समृद्ध करें"

"विश्वविद्यालय परिवार की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, मेरा सुझाव है कि विश्व के लोगों का छत्तीसगढ़ की भाषा और संस्कृति से परिचय कराया जाए. इस दिशा में छत्तीसगढ़ी पाठ्यक्रम की शुरुआत इस विश्वविद्यालय ने की है. यह सराहनीय कदम है. इस विश्वविद्यालय का अध्ययन-अध्यापन के साथ यह भी दायित्व बनता है कि छत्तीसगढ़ अंचल के भाषा संस्कृति को समृद्ध करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहें."

"आध्यात्म से जुड़ी शिक्षा दी जा रही"

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. साव ने कहा, "विश्वविद्यालय परिवार द्वारा पूरे मनोयोग से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान किया जा रहा है. रामचरितमानस के पाठ्यक्रम संचालित कर यहां पर आध्यात्म से जुड़ी शिक्षा दी जा रही. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए पाठ्यक्रम में आमूल चूल परिवर्तन किया गया है और विषयों के बंधन से मुक्त किया गया है. योग्यता, गुणवत्ता एवं आवश्यकता पर आधारित विषयों को समाहित कर पाठ्यक्रम को वर्तमान उद्देश्यों के अनुरूप बनाया गया है."

"शिक्षा एवं संस्कार महत्वपूर्ण आधार स्तंभ हैं"

केंद्रीय राज्य मंत्री  तोखन साहू ने दीक्षांत समारोह में  कहा, "व्यक्ति के लिए शिक्षा एवं संस्कार महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है, शिक्षा जहां मनुष्य को अपने कार्य क्षेत्र से संबंधित कौशल प्रदान करता है वहीं संस्कार मनुष्य को समाज में श्रेष्ठ नागरिक बनने के लिए प्रेरित करता है. मानव जीवन में शिक्षा महत्वपूर्ण स्थान रखता है शिक्षित व्यक्ति अपना समुचित विकास करते हुए समाज और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है".

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विवि शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत है

कुलपति बंशगोपाल सिंह ने कहा कि यह विश्वविद्यालय अपने उद्देश्यों को साकार करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. यह विश्वविद्यालय पूरे छत्तीसगढ़ मे 105 से अधिक महाविद्यालयों में स्थापित अध्ययन केंद्रों के माध्यम से दूरस्थ अंचलों तक उच्च शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत है.

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