Poshan Tracker App: डाटा में गड़बड़ी का आरोप, नाराज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा, जानिए पूरा मामला

Women and Child Development Chhattisgarh: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके द्वारा नियमित रूप से प्रतिदिन पोषण ट्रैकर एप में बच्चों की उपस्थिति व उन्हें दिए जाने वाला आहार एवं अपनी उपस्थिति प्रतिदिन दर्ज की जाती है. आरोप है कि उनके द्वारा दर्ज की गई संख्या में अंतर देखा जा रहा है. जिसके कारण उनका पूरा हिसाब गड़बड़ा जा रहा है. उनका कहना है कि आखिर ऐसी  गड़बड़ी कहां से और किसके द्वारा की जा रही है?

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Anganwadi Workers Protest: महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development) अंबिकापुर के अंतर्गत आने वाली आंगनबाड़ियों (Anganwadi) में होने वाली गतिविधियों को दर्ज करने वाले पोषण ट्रैकर एप (Poshan Tracker App) में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. जिसकी शिकायत को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने महिला एवं बाल विकास विभाग के दफ्तर में हंगामा मचा दिया. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पोषण ट्रैकर में बनाई गई रिपोर्ट में छेड़छाड़ कर दिया जा रहा है, जिससे इन्हें नोटिस मिलने सहित अधिकारियों की फटकार का सामना करना पड़ रहा है.

कितने आंगनबाड़ी केंद्रों में लगा है गड़बड़ी का आरोप? 

परियोजना अधिकारी अंबिकापुर ग्रामीण के अंतर्गत आने वाले मेण्ड्रा कला सेक्टर के 31 आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ताओं ने पोषण ट्रैकर (Poshan Tracker) एप में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अंबिकापुर स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रधान कार्यालय में विरोध जताया. यहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा मचाया और इस गड़बड़ी की शिकायत दर्ज कराई.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके द्वारा नियमित रूप से प्रतिदिन पोषण ट्रैकर एप में बच्चों की उपस्थिति व उन्हें दिए जाने वाला आहार एवं अपनी उपस्थिति प्रतिदिन दर्ज की जाती है. आरोप है कि उनके द्वारा दर्ज की गई संख्या में अंतर देखा जा रहा है. जिसके कारण उनका पूरा हिसाब गड़बड़ा जा रहा है. उनका कहना है कि आखिर ऐसी गड़बड़ी कहां से और किसके द्वारा की जा रही है?

कार्यकर्ताओं ने जब इसकी नियमित जांच की तो उन्होंने पता चला कि यह गड़बड़ी रात के 9 से 9 बजकर 30 मिनट के बीच की जाती है.

किसके पास होता है एक्सेस?

पोषण ट्रैकर एप का पासवर्ड या तो कार्यकर्ता के पास होता है या सीडीपीओ या डीपीओ के पास होता है. ऐसे में पूरी गड़बड़ी सीडीपीओ और डीपीओ के द्वारा की जा रही है. जिससे उनका रिपोर्ट कार्ड खराब हो रहा है और खराब रिपोर्ट होने की वजह से वरिष्ठ अधिकारियों से डांट फटकार मिल रही है.

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अधिकारियों का क्या कहना है?

इस बारे जब जिला कार्यक्रम अधिकारी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि एप में गड़बड़ी हो रही है, यह कैसे हो रहा है? इसकी जांच की जाएगी. उन्होंने इस बारे में आगे कुछ भी कहने से मना कर दिया. बहरहाल बच्चों को दिये जाने वाले पोषक आहार के आंकड़ों में फेरबदल कर के लाखों रुपए की गड़बड़ी की भी आशंका जताई जा रही है.

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