PMFBY: छत्तीसगढ़ के इस जिले में किसानों को नहीं मिला पीएम फसल बीमा योजना का लाभ, जानें पूरा मामला

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: छत्तीसगढ़ के बालौद जिले में बीमा की राशि को लेकर किसान परेशान हैं. यहां लगभग 10 हजार किसानों में से मात्र 2400 किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है.

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Farmers in Balod did not get the benefit PMFBY: किसान को जब फसल से नुकसान हो तो उनकी सारी उम्मीदे बीमा कंपनी या शासन की आरबीसी 6- 4 (राजस्व पुस्तक परिपत्र) अनुसार उन्हें मिलनी वाली मुआवजा पर टिकी होती है, लेकिन शासन में बैठे अधिकारी ही किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट फर्जी बना दें तो किसानों का क्या होगा? कुछ ऐसा मामला सामने आया है बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक अंतर्गत फागुनदाह गांव से, जहां पिछले रबी सीजन में करीब 1200 एकड़ में लगे चने की फसल ओलावृष्टि के कारण खराब हो गई. हालांकि इन फसलों का बीमा भी कराया गया था. जिसका सर्वे भी हुआ, लेकिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी सीजन में 9 हजार 850 किसानों ने पंजीयन कराया था, लेकिन इनमें से 2400 किसानों को 2 करोड़ 10 लाख रुपये का मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है.

ओलावृष्टि के कारण तबाह हुई थी चने की फसल

दरअसल, बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक के ग्राम फागुनदाह के 400 से अधिक किसानों ने रबी सीजन में करीबन 1200 एकड़ में चने की फसल लगाई थी, जो कि ओलावृष्टि की वजह से फसल पूरी तरह से तबाह हो गई थी. जिसका किसानों को आज तक बीमा कंपनी के द्वारा भरपाई नहीं की गई है. जिसके वजह से किसान काफी परेशान हैं, जबकि इन किसानों ने बकायदा प्रीमियम की राशि बीमा कंपनी को जमा किया था, लेकिन आज तक इनके फसल नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी द्वारा नहीं की गई. किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. हालांकि किसानों ने फसल नुकसान के 72 घंटे के भीतर पटवारी के माध्यम से ऑनलाइन क्लेम कर दिया था.

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मात्र 2400 किसानों को भुगतान किया गया मुआवजा की राशि

बता दें कि बालोद जिले में 9 हजार 850 किसानों ने 10 हजार हेक्टेयर से अधिक फसल के लिए साढ़े 7 करोड़ प्रीमियम राशि बीमा कंपनी को जमा की थी. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी सीजन में 9 हजार 850 किसानों ने पंजीयन कराया था, लेकिन इनमें से 2400 किसानों को 2 करोड़ 10 लाख रुपये का मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है.

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किसानों ने 72 घंटे के भीतर किया था क्लेम

विभाग द्वारा दावा किया जा रहा है कि क्लेम करने वाले अधिकांश किसानों को नियमानुसार राशि का भुगतान किया गया है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है. ग्राम फागुनदाह के किसानों द्वारा 72 घंटे के भीतर क्लेम किया गया था, शिकायत पर तहसीलदार, नायब तहसीलदार और पटवारी गांव भी पहुंचे थे, लेकिन चार दीवारी यानि पंचायत भवन के भीतर ही किसानों से चर्चा कर वापस लौट गए. पीड़ित किसानों के खेतों तक जाना भी मुनासिब नहीं समझा, जिसका खामियाजा आज किसान भुगत रहे हैं.

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