PM-JANMAN: बिना किस्त मिले ठेकेदार ने शुरु कर दिया काम, क्या बैगा परिवारों को मिल पाएगा PM Awas?

Pradhan Mantri Gramin Awas Yojana: पीएम आवास के हितग्राहियों को पक्के मकान बनाने के लिए राशि ही नहीं मिली है लेकिन कुछ ठेकेदार द्वारा पहले से ही सरिया, गिट्टी, रेत, सीमेंट व ईंट इकठ्ठे कर काम शुरू कर दिया गया है. अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब हितग्राही को राशि ही नहीं मिली है तो उनका आवास कितना बड़ा बनेगा?

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Pradhan Mantri Awas Yojana: राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा (Baiga Tribe) जनजातियों को पक्का आवास देने पीएम जनमन योजना (PM-JANMAN) यानी प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan) चलाई जा रही है. इस योजना के तहत कबीरधाम जिले में निवासरत 8437 बैगा परिवारों का सर्वे किया गया, जिसमें 7255 परिवारों के मुखिया के नाम पर प्रधानमंत्री आवास (PM Awas)  स्वीकृति किया गया है, जिससे इन जनजातियों (Tribals) के सर पर अब पक्की छत होगी. लेकिन इस योजना को मूर्त रूप देने को लेकर जिम्मेदार गंभीर दिखाई नहीं दे रहे हैं और ठेकेदार सक्रिय हो गए हैं.

PM-JANMAN: बिना पैसे मिले ही शुरु हुआ PM आवास का काम

बिना राशि के कब तक बनेगा आवास?

पीएम जनमन योजना के तहत लाभान्वित हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना (Pradhan Mantri Gramin Awas Yojana) के तुलना में 70 हजार अधिक राशि दी जाती है. इस राशि में पहले इन्हें एक लाख तीस हजार रुपये मिलते थे, जो बढाकर दो लाख रुपये कर दिए गए. साथ में 12 हजार रुपये शौचालय निर्माण के लिए और मनरेगा (MGNREGA) योजना में 95 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है. इस तरह प्रत्येक हितग्राहियों को लगभग दो लाख 45 हजार रुपये दिया जा रहा है.

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NDTV की पड़ताल?

NDTV टीम ने पीएम जनमन योजना के तहत लाभान्वित हितग्राहियों के घर जाकर स्थिति का जायजा लिया. जिसमें पता चला कि कई हितग्राहियों को पैसे ही नहीं मिले हैं. पीएम आवास के हितग्राहियों को पक्के मकान बनाने के लिए राशि ही नहीं मिली है, लेकिन कुछ ठेकेदार द्वारा पहले से ही सरिया, गिट्टी, रेत, सीमेंट व ईंट इकठ्ठे कर काम शुरू कर दिया गया है. अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब हितग्राही को राशि ही नहीं मिली है तो उनका आवास कितना बड़ा बनेगा? इसके साथ ही जब मनरेगा योजना से इस परिवार को रोजगार देना है और मस्टररोल जारी नहीं हुआ है तो फिर इनकी हाजिरी कैसे भरा जाएगा. यह बड़ा सवाल है.

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जिम्मेदारों का क्या कहना है?

संदीप अग्रवाल, CEO जिला पंचायत का कहना है कि इसमें राशि सीधे खाते में जाती है. वहीं बारिश को देखते हुए कुछ लोगों ने पहले काम शुरु कर लिया होगा. क्योंकि उनको पता होगा कि उनका नाम हितग्राहियों की लिस्ट में है.

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