PM Awas Yojana : गरियाबंद जिले के कोपरा नगर पंचायत में 300 परिवारों का अपना घर बनाने का सपना अधूरा रह गया है. इन परिवारों की झोपड़ियां उन जमीनों पर हैं जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं. यही वजह है कि ये प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 का लाभ नहीं ले पा रहे. बता दें कि नगर पंचायत ने PM आवास योजना के लिए 500 से अधिक आवेदन जमा किए थे लेकिन वैध जमीन के दस्तावेज के अभाव में केवल 196 परिवारों को पात्र माना गया है. दरअसल, कोपरा के भाठापारा, चांदाभांठा, गड़ाही पारा और कुंवारी तालाब इलाकों में ये 300 परिवार झोपड़ियों में रह रहे हैं. खासतौर पर बारिश के मौसम में इनकी जिंदगी और कठिन हो जाती है. ये परिवार पीढ़ियों से इन झोपड़ियों में गुजर-बसर कर रहे हैं. पंचायत के रिकॉर्ड में इनके नाम आवासहीन परिवारों की सूची में दर्ज हैं लेकिन जमीन का वैध पट्टा न होने के कारण इन्हें योजना का लाभ नहीं मिल रहा. बता दें कि नगर पंचायत में PM आवास के लिए जमीन का पट्टा होना अनिवार्य है.
महिलाओं ने भी रखी अपनी परेशानी
महिलाएं अपने परिवार के लिए घर का सपना पूरा करने की कोशिश में नगर पंचायत और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही हैं. कई बार आवेदन करने और गुहार लगाने के बावजूद उनके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
समाजसेवी ने उठाई बेघरों की आवाज़
इन बेघर महिलाओं की मदद के लिए समाजसेवी गोरेलाल सिन्हा आगे आए. वे महिलाओं को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और अधिकारियों से उनकी समस्या पर ध्यान देने की मांग की. उनकी इस पहल के बाद कलेक्टर ने अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए.
जिला कलेक्टर ने दिया मदद का भरोसा
कलेक्टर के निर्देश पर राजिम SDM ने अपनी टीम के साथ गांव का दौरा किया और चौपाल लगाई. चौपाल के दौरान इन परिवारों की समस्याएं सुनी गईं. इसके बाद जाकर इन बेघर परिवारों के लिए उम्मीद की नई किरण जागी है.
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