आठ बार के विधायक, विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर और छत्तीसगढ़ शासन में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त पत्थलगांव विधायक रामपुकार सिंह पर किसानों ने करोड़ों रुपये की वन भूमि अपने नाम कराने का आरोप लगाया है. किसानों का आरोप है कि रामपुकार ने अपना प्रभाव दिखाकर वन भूमि अपने नाम करा लिया है. जबकि उस वन भूमि पर पीढ़ियों से किसानों का कब्जा है. अब किसानों ने वन अधिकार पट्टा देने की मांग करते हुए पूरे मामले की शिकायत जिला प्रशासन से की है. शिकायत करने वालों में पत्थलगांव के पालीडीह गांव निवासी जगेश्वर दास, रमली उरांव, महेश लकड़ा, राम भगत, और हरिराम शामिल हैं.
किसानों ने वन विभाग पर भूमि आवंटित करने का लगया आरोप
किसानों ने बताया कि खसरा नंबर 93 की जमीन पर लाखझार आदि ग्रामीणों का शुरू से कब्जा है. उनके पूर्वज इस जमीन पर कई पीढ़ी से खेती करते आ रहे हैं. ऐसे में उपखंउ स्तर वन समिति के अध्यक्ष एसडीएम रामशिला लाल,उपखंड स्तर वन समिति के सदस्य और जनपद पंचायत मुख्यकार्यपालन अधिकारी पवन कुमार पटेल, वन विभाग के एसडीओ आरपी सिंह, मंडल संयोजक व जनपद पंचायत सदस्य मुकेश पैंकरा, राधेश्याम गुप्ता बसन्ती मिंज द्वारा पत्थलगांव विधायक रामपुकार सिंह को बड़े झाड़ के जंगल खसरा नंबर 93 से 0.506 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर दी गई.
भाजपा ने रामपुकार सिंह पर आदिवासियों से हक छीनने का लगाया आरोप
वहीं इस मामले के प्रकाश में आने के बाद भाजपा नेता सुनील गुप्ता ने विधायक रामपुकार सिंह पर निशाना साधा है. उन्होंने विधायक पर वन भूमि में पहले से काबिज गरीब आदिवासियों से उनका हक छीनने का आरोप लगाया है. साथ ही केंद्र सरकार से मांग की है कि गरीबों को उनके कई पीढ़ी से कब्जे की जमीन से बेदखल न कर विधायक रामपुकार सिंह के वन भूमि पट्टे को निरस्त किया जाए.
हालांकि इस मामले में पत्थलगांव एसडीएम अकांक्षा त्रिपाठी ने बताया कि भूमि का शिकायत आया है. जांच के लिए फाइल मुख्यालय में भेजी गई है.
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