नर्स ने पेट पर मारा हाथ, जन्म से पहले मां-बच्चे की हुई मौत ! रोता रह गया परिवार

Ambikapur News : अस्पताल के चिकित्सकों और नर्सों की तरफ से एक बॉटल चढ़ाने के बाद पीड़ित महिला के पेट को बेरहमी से दबाया गया, जिससे वह चिल्लाने लगी. नर्सों को ऐसा करने से मना भी किया गया था... लेकिन पेट को बार-बार दबाने से महिला के मुंह से खून निकल गया और पेट के अंदर ही बच्चे की मौत हो गई.

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Chhattisgarh News : अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के महिला प्रसूति वार्ड में प्रसव के दौरान एक गर्भवती महिला और उसके नवजात शिशु की मौत का मामला सामने आया है. इसके बाद अस्पताल में बवाल हो गया. परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सकों पर प्रसव कराने में लापरवाही और गर्भवती महिला के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया है. परिजनों का यह भी कहना है कि उन्हें मृतिका को पूरी तरह से स्वस्थ अवस्था में दाखिल कराया गया था. वहीं, इस मामले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि महिला को गंभीर अवस्था में अस्पताल में दाखिल कराया गया था, जिससे ऐसी स्थिति देखने को मिली.

9 सितंबर की रात हुई थी एडमिट

दरअसल, बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ निवासी एक महिला को सोमवार, 9 सितंबर की रात शंकरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से प्रसव कराने के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के महिला प्रसूति वार्ड में दाखिल कराया गया था. मृतक महिला के परिजनों के अनुसार, जब उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लाया गया था, तब वह पूरी तरह स्वस्थ थी. केवल प्रसव के लिए उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया था.

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नर्स ने महिला के संग की बदतमीज़ी

इस बारे में पीड़ित महिला के साथ रही फूलमती का कहना है कि वह एक दाई है और गांव में महिलाओं की डिलीवरी कराती है, इसलिए उसे भी प्रसव के लिए अस्पताल लाया गया था. फूलमती का कहना है कि अस्पताल के चिकित्सकों और नर्सों की तरफ से एक बॉटल चढ़ाने के बाद पीड़ित महिला के पेट को बेरहमी से दबाया गया, जिससे वह चिल्लाने लगी. जब उसने नर्सों को ऐसा करने से मना किया, तो नर्सों ने उसके साथ भी दुर्व्यवहार किया. फूलमती ने बताया कि पेट को बार-बार दबाने से प्रसव वाली महिला के मुंह से खून निकल गया और पेट के अंदर ही बच्चे की मौत हो गई.

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हॉस्पिटल में खूब रोया परिवार

मृतक महिला के परिजनों का कहना है कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों से प्रसव का ऑपरेशन करने का अनुरोध किया था, लेकिन वहां के डॉक्टरों ने नार्मल डिलीवरी कराने पर जोर दिया. पहले बच्चे की मौत पेट में हो गई, और उसके बाद मां की मृत्यु हो गई. परिजनों का आरोप है कि इस पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही है, जिसकी वे जांच चाहते हैं.

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क्या बोला अस्पताल का स्टाफ ?

वहीं, इस मामले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आर्या का कहना है कि प्रसव के लिए महिला को गंभीर अवस्था में शंकरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था. पीड़ित महिला की बच्चेदानी क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके कारण पहले बच्चे की मौत हुई और उसके बाद महिला की मृत्यु हो गई, जो काफी दुखद है. उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जानकारी मंगाई गई है.

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