Baloda Bazar Violence मामले में कांग्रेस के इस युवा विधायक की बढ़ी मुश्किलें, पुलिस ने घर पर दी दबिश

Baloda Bazar Violence Case: छत्तीसगढ़ में बलौदा बाजार हिंसा मामले को लेकर भिलाई नगर से कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव (Congress MLA Devendra Yadav) की मुश्किलें बढ़ सकती है. रविवार को जांच टीम उनके घर पहुंची. हालांकि, इस बीच पुलिस को खाली हाथ ही लौटना पड़ा.अब यादव की भूमिका पर जानें क्यों सवाल खड़े हो रहे हैं..

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Baloda Bazaar Violence में नया अपडेट, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के घर पहुंची पुलिस.

CG News In Hindi: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलौदाबाजार हिंसा (Baloda Bazar Violence) मामले में नया अपडेट है.  भिलाई नगर से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव (Congress MLA Devendra Yadav) के घर पर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल पहुंचा. बहरहाल पुलिस को रविवार को खाली हाथ ही लौटना पड़ा. इस बीच पुलिस टीम में कोतवाली थाना प्रभारी अजय झा, एसआईटी टीम के सदस्य निरीक्षक प्रणाली वैद्य सहित अन्य सदस्य मौजूद रहें.

विधायक जांच में नहीं कर रहे सहयोग

बलौदा बाजार कोतवाली थाने से तीन बार नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए बुलाया गया था. लेकिन देवेंद्र यादव द्वारा जांच में सहयोग नहीं करने के कारण पुलिस ने उनके घर पर पूछताछ करने के लिए पहुंची. हालांकि, इस दौरान भी देवेंद्र यादव पुलिस का सहयोग करते हुए दिखाई नहीं दिए.

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ये था पूरा मामला

दरअसल 10 जून को सतनामी समाज ने बलौदा बाजार के दशहरा मैदान में प्रदर्शन का आयोजन किया था. यह प्रदर्शन गिरोदपुरी धाम से लगे ग्राम महाकोनी के अमर गुफा स्थित सतनामी समाज के धार्मिक प्रतीक चिन्ह जैतखाम के साथ 15- 16 मई की रात हुई तोड़फोड़ को लेकर था.  इस विरोध प्रदर्शन में बलौदा बाजार सहित प्रदेश भर से सतनामी समाज के लोग शामिल हुए थे. प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त जिला कार्यालय में तोड़फोड़ करते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आग लगा दिया था.

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इस घटना के बाद पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ 14 एफआईआर दर्ज कर जांच और गिरफ्तारी शुरू की थी. अब तक इस मामले में 170 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

भिलाई नगर विधायक की भीड़ में थी मौजूदगी

सोशल मीडिया में डाले गए वीडियो पोस्ट में भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव प्रदर्शन स्थल दशहरा मैदान में मौजूद दिखे थे. साथ ही उनके साथ में मौजूद लोगों को संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम देते हुए का वीडियो भी सामने आया था. वीडियो में देवेंद्र यादव की मौजूदगी और उनके साथ बैठे लोगों के हिंसा और आगजनी में शामिल होना पाते हुए पुलिस ने अन्य लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.

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भूमिका पर उठाए गए सवाल

घटना के बाद से ही विधायक देवेंद्र यादव की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे थे. इसके कारण बलौदाबाजार पुलिस देवेंद्र यादव से पूछताछ करना चाहती है. क्योंकि भिलाई नगर विधायक के संबंध में यह भी बात कही जा रही है कि वे बिना बुलाए ही इस प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे थे. हालांकि, देवेंद्र यादव कई मौके पर आयोजकों द्वारा बुलाए जाने की बात मीडिया के समक्ष कह चुके हैं.

किस हैसियत से आए थे, मंच पर क्यों नहीं गए? 

विधायक देवेंद्र यादव बलौदाबाजार जिले के किसी विधानसभा क्षेत्र से कभी चुनाव नहीं लड़े. गिरोदपुरी के महकोनी ग्राम जो कि कसडोल विधानसभा क्षेत्र में आता है. कभी वे विधायक और जनप्रतिनिधि नहीं हैं. वे सतनामी समाज और अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग से भी नहीं आते हैं. वे कांग्रेस कमेटी के न तो प्रदेश अध्यक्ष हैं, न ही वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति जनजाति विभाग के अध्यक्ष हैं. न ही वे रायपुर संभाग के नेता हैं, न ही वे बलौदा बाजार जिला ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के  नेता हैं. ऐसे में वे किस हैसियत से आए थे?  जब उन्हें बुलाया गया था तो मंच पर क्यों नहीं बैठाया गया.

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क्यों नहीं दे रहे नोटिस का जवाब

विधायक देवेंद्र यादव को पुलिस ने तीन बार नोटिस जारी किया है.आरोप लग रहे हैं कि वे प्रदेश में घटित हुई इतनी बड़ी घटना में चल रही जांच में पुलिस का सहयोग करना तो दूर वे पुलिस बल से मिल भी नहीं रहे हैं. यही वजह है कि भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव की भूमिका सतनामी समाज के प्रदर्शन में संदिग्ध हो चुकी है.

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