CG News: बस्तर में बॉर्डर छोड़ भागने लगे थे नक्सली, अब फिर से जिला मुख्यालय के पास बनाने लगे हैं पैठ

CG Naxal News:बस्तर में नक्सली वारदातें फिर से बढ़ गई हैं. यहां के अलग- अलग जिलों में नक्सली घटनाएं हो रही हैं. इसके पहले नक्सली जिलों का बॉर्डर छोड़ भागने लगे थे. फिर से बढ़ी नक्सल वारदातों ने बस्तर पुलिस का सिर दर्द बढ़ा दिया है.

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Chhattisgarh Naxalite Attacks: छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने में महज कुछ ही दिन बचे हैं. इसके पहले बस्तर में एक बार फिर नक्सली (Naxalite) सक्रिय हो गए हैं. बस्तर (Bastar) के कई इलाकों में बैकफुट पर रहे नक्सली एक बार फिर से फ्रंट पर आकर उत्पात मचा रहे हैं. दो महीनों में आगजनी और हत्याओं की घटनाएं बढ़ गई हैं.  जहां नक्सल वारदातों में कमी आई थी. वहीं, अब फिर लगातार वारदातें हो रही हैं. प्रदेश में एक बार फिर से दहशत का माहौल बन गया है. सबसे ज्यादा वारदातें दंतेवाड़ा जिले में हो रही है. 

नक्सल मुक्त गांव बनाया था 

दो दिन पहले नक्सलियों ने दंतेवाड़ा (Dantewada) जिला मुख्यालय से सटे हुए गांव भांसी में आगजनी की घटना कर जमकर उत्पात मचाया.यहां 14 गाड़ियों, पानी की टंकी और मशीनों को आग के हवाले कर दिया था. भांसी वही गांव है, जिसे दो साल पहले दंतेवाड़ा पुलिस ने नक्सल मुक्त गांव घोषित किया था. तब ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी. लेकिन एक बार फिर इस गांव में फिर से नक्सलियों की मौजूदगी ने दहशत फैला दी है. 

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सरेंडर कर नक्सलियों ने खुद का तोड़ा स्कूल बनाया था 

भांसी वही गांव है जहां साल 2019 के पहले नक्सलियों ने जमकर उत्पात मचाया था. साल 2014 में नक्सलियों ने प्राइमरी स्कूल तोड़ दिया था. नक्सल खौफ के कारण सरकार ने इस स्कूल को दोबारा शुरू करने की जहमत नहीं उठाई थी. लेकिन साल 2020 में इलाके के 18 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया. इसके बाद इन लोगों ने अफसरों से मांग की थी कि इस स्कूलों  को दोबारा शुरू किया जाए.अफसरों ने स्वीकृति दी और सरेंडर नक्सलियों ने खुद स्कूल बनाई. नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही यहां फिर से स्कूल को शिफ्ट किया गया था. दोबारा शुरू होने वाला यह बस्तर का पहला स्कूल था. 

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लोन वर्राटू अभियान ने सोर्स किए थे मजबूत 

दरअसल, दंतेवाड़ा पुलिस ने 3 साल पहले लोन वर्राटू  (घर वापसी) अभियान की शुरुआत की थी. बस्तर में पहली बार दंतेवाड़ा पुलिस ने 1600 नक्सलियों की लिस्ट जारी कर सरेंडर का ऐलान किया था. इस अभियान के शुरू होने के बाद लगातार नक्सलियों का सरेंडर चल रहा था. इससे पुलिस सोर्स मजबूत हुए थे. नक्सली बॉर्डर छोड़ भागने लगे थे. पुलिस ने 15 से ज्यादा गांवों का सर्वे कराया. इसके बाद 15 गांवों रेड से ग्रीन श्रेणी में लाकर नक्सल मुक्त गांव घोषित किया गया था. 

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बस्तर में दो महीनें के अंदर हुई ये बड़ी वारदातें - 

-भांसी डामर प्लांट में आगजनी. यहाँ 14 गाड़ियों , पानी की टंकी में आगजनी की. 
- नारायणपुर जिले में आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आकर दो मजदूरों की मौत हुई. 
- अरनपुर-जगरगुंडा में आईईडी ब्लास्ट में एक जवान गंभीर रूप से घायल हुआ. 
- दंतेवाड़ा में दो बार एनएमडीसी प्लांट में आगजनी की घटना हुई.
- नारायणपुर में हत्या.  
- आज बारसूर इलाके में जियो टॉवर को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया. 

आईजी बोले- नक्सलियों की ताकत कम हुई 

 इधर बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने एनडीटीवी से कहा कि नक्सलियों की ताकत कम हो गई है. सुरक्षा बल सक्रिय हैं. सुरक्षा बलों का नक्सली नुकसान नहीं पहुंचा पा रहे हैं. इसलिए सिविलियन्स, वाहनों को टारगेट कर दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. नक्सलियों के कोर इलाकों में पुलिस का कैंप खुला है. यहां से नक्सली भाग खड़े हुए हैं. इस बार चुनाव भी शांतिपूर्ण हुआ और वोटिंग प्रतिशत भी बढ़ा है. नक्सलियों के हर मंसूबे को नाकाम करने के लिए फ़ोर्स तैयार है. 


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