DGN डिवीजन के नागेश, जैनी और मनीला ने किया आत्मसमर्पण, कई मुठभेड़ में थे शामिल, 300000 रुपये का था इनाम

Naxalite surrenders in Gariaband: गरियाबंद में नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है. यहां तीन लाख के इनामी तीन माओवादियों ने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया है. ये तीनों नक्सली कई मुठभेड़ में शामिल थे.

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Naxalite surrenders in Gariaband: गरियाबंद में नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है.डीजीएन डिवीजन में सक्रिय तीन नक्सलियों नागेश उर्फ रामा कवासी, जैनी उर्फ देवे मडकम और मनीला उर्फ सुंदरी कवासी ने आज हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया. तीनों पर शासन की ओर से एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था. इस ऑपरेशन में गरियाबंद पुलिस, E30, STF, Cobra 207 और CRPF की संयुक्त भूमिका रही.

इन तीन नक्सलियों ने किया सरेंडर

आत्मसमर्पित नक्सलियों ने कहा, 'माओवादी निर्दोषों की हत्या कर रहे हैं, हमने जंगल छोड़ दिया.'

गरियाबंद पुलिस ने बताया कि तीनों माओवादी लंबे समय से ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा के जंगलों में सक्रिय थे. नागेश डीव्हीसी डमरू के गार्ड के रूप में काम करता था. जैनी ओडिशा स्टेट कमेटी सदस्य प्रमोद उर्फ पाण्डु की पर्सनल गार्ड थी और मनीला सीनापाली एरिया कमेटी में पार्टी सदस्य के रूप में कार्यरत थी.

इन घटनाओं में शामिल थे ये नक्सली

ये तीनों कई बड़ी नक्सल घटनाओं में शामिल रहे हैं, जिनमें धमतरी के एकावरी गांव की मुठभेड़, मई 2025 की मोतीपानी मुठभेड़ और 11 सितंबर 2025 की मेटाल एनकाउंटर शामिल है.

इसलिए नक्सलियों ने पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण

आत्मसमर्पण के दौरान तीनों नक्सलियों ने बताया कि संगठन अब अपनी मूल विचारधारा से भटक चुका है. माओवादी अब निर्दोष ग्रामीणों को पुलिस मुखबिरी के शक में मार रहे हैं, लोगों को जबरन राशन और सामान देने के लिए परेशान करते हैं, और विकास कार्यों में बाधा डालते हैं.

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'माओवादी निर्दोषों की हत्या कर रहे हैं'

उन्होंने बताया कि छोटे कैडरों से जबरन काम कराया जाता है और बड़ों द्वारा शोषण किया जाता है. तीनों ने कहा कि वे शासन की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित हुए हैं. शासन द्वारा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को आर्थिक सहायता, आवास, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं. उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें पहले से ही जानकारी थी कि उनके कई साथी आत्मसमर्पण के बाद खुशहाल जीवन जी रहे हैं, जिसके बाद उन्होंने भी हिंसा का रास्ता छोड़ने का निर्णय लिया.

आत्मसमर्पण की इस कार्रवाई में गरियाबंद पुलिस की E-30 टीम, STF, कोबरा-207 और CRPF की संयुक्त भूमिका रही. पुलिस का कहना है कि जंगलों और गांवों में लगातार प्रचारित की जा रही समर्पण नीति से नक्सली अब तेजी से मुख्यधारा में लौट रहे हैं.

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'हिंसा और विनाश का मार्ग छोड़कर आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं'

गरियाबंद पुलिस ने जिले में सक्रिय सभी नक्सलियों से अपील की है कि वो हिंसा और विनाश का मार्ग छोड़कर शासन की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं. इच्छुक व्यक्ति नजदीकी थाना, चौकी या कैंप में संपर्क कर सकते हैं या नक्सल सेल गरियाबंद के नंबर 94792-27805 पर बात कर सकते हैं.

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