Naxal Peace Process: नक्सलियों की शांति वार्ता के प्रस्ताव पर गृह मंत्री विजय शर्मा की दो टूक, पहले हथियार डालें फिर करेंगे बात 

Naxal Peace Process Latest News: नक्सलियों ने अपने पत्र में लिखा था कि माओवादी संगठन शांति वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन इलाके में 7 लाख से ज्यादा जवानों का घेरा रहने की वजह से संगठन अपनी बैठक नहीं कर पा रहे हैं. 

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छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा.

Naxal Peace Process in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे एक के बाद एक ऑपरेशन से दहशत के पर्याय बने माओवादी इन दिनों खुद दहशत में है. हालात ये है कि एक बाद एक पत्र लिखकर माओवादियों की ओर से शांति वार्ता की पेशकश की जा रही है. हालांकि, सरकार नक्सलियों की पेशकश को भाव देने और किसी भी शर्त को मानने के मूड में नजर नहीं आ रही है. 

नक्सलियों की शांति वार्ता के ताजा प्रस्ताव पर सुकमा दौरे पर पहुंचे गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सली हथियार डाले, तभी सरकार बात करेंगी. उन्होंने कहा कि न केंद्र की फोर्स, न ही स्टेट की फोर्स एक भी गोली चलाना चाहता है, लेकिन नक्सलियों ने खूनी घटनाओं को देख सुनकर कब तक सहते रहे. बस्तर के लोग कब तक चुप रहते.  

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अमित शाह से की सीधी वार्ता की अपील

दरअसल, नक्सलियों ने बुधवार को अपना पांचवा पत्र लिखा था, जिसके जरिए युद्ध विराम और शांति वार्ता की अपील की गई. नक्सलियों सीधे गृह मंत्री अमित शाह से शांति वार्ता का अनुरोध किया है. उनका कहना है कि वो हथियार डालकर मुख्यधारा में जुड़ना चाहते हैं. नक्सलियों के प्रवक्ता अभय ने हाल ही में जो पत्र जारी किया था, उसमें लिखा है कि नक्सली शांति वार्ता के लिए हर वक्त तैयार है. नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को लेकर कहा कि वह शर्तों के साथ शांति वार्ता चाहते हैं. ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री के पहल से ही शांति वार्ता हो सकती है.  

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मोदी सरकार बताएं, वार्ता के लिए तैयार है या नहीं

अभय ने अपने पक्ष में लिखा कि शांति वार्ता के लिए केंद्र की मोदी सरकार तैयार है या नहीं, वो अपनी स्थिति साफ करें. गौरतलब है कि नक्सली इससे पहले भी चार बार खत लिख कर शांति वार्ता की बात कह चुके हैं. माओवादी संगठन के केंद्रीय प्रवक्ता अभय ने मांग की थी कि शांति वार्ता के मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से प्रतिक्रिया आनी चाहिए, क्योंकि इससे ही वार्ता को लेकर स्पष्टता आएगी. इस पत्र में नक्सली नेता ने स्वीकार किया कि कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर 26 नक्सली मारे गए हैं.

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हथियार छोड़ने को तैयार

पत्र में लिखा गया है कि माओवादी संगठन शांति वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन इलाके में 7 लाख से ज्यादा जवानों का घेरा रहने की वजह से संगठन अपनी बैठक नहीं कर पा रहे हैं. 

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24 दिन के ऑपरेशन में 31 नक्सली मारे गए

गौरतलब है कि छ्त्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर के कर्रेगुट्टा के पहाड़ पर 24 दिनों तक चले ऑपरेशन में फोर्स ने 31 नक्सलियों को मार गिराया है. इनमें से 28 नक्सलियों की पहचान हो गई है. इनमें 16 महिला नक्सली और 15 पुरुष नक्सली शामिल थे. वहीं, इस ऑपरेशन को खत्म कर सारे जवान लौट आए हैं. हालांकि, इस ऑपरेशन में 18 जवान भी घायल हो गए थे. इस साल अब तक 197 नक्सलियों को ढेर हो चुके हैं, जबकि इस वर्ष अब तक 718 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं.

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