LWE District: छत्तीसगढ़ में नक्सल उग्रवाद में आया सकारात्मक सुधार, जल्द माओवाद मुक्त होंगे कोंडागांव और बस्तर जिले

Anti Naxal Operation: केंद्रीय गृह मंत्री ने पूरे देश में नक्सलवाद के खात्मे की तारीख पहले ही मुकर्रर कर दी है. इसी का असर है कि मार्च 2025 में गृह मंत्रालय ने देशभर के कुल 18 नक्सल प्रभावित जिलों की लिस्ट जारी की है, जिसमें बस्तर और कोंडागांव जिले लीगेसी जिले में रखा गया है.

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Positive improvement in Left Wing Extremism of country

Situation Improved In Bastar Range: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे के लिए केंद्र और राज्य सरकार के सयुंक्त प्रयासों और सुरक्षाबलों के अदम्य साहस के सुखद परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं. देश में खात्मे के कगार पर खड़ा नक्सलवाद अब अंतिम सांसें गिन रहा है, जिसकी बानगी है कि सर्वाधिक नक्सल प्रभावित संभाग बस्तर के कोंडागांव और बस्तर जिले, जो जल्द नक्सल मुक्ति जिले की श्रेणी में शामिल हो सकते हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री ने पूरे देश में नक्सलवाद के खात्मे की तारीख पहले ही मुकर्रर कर दी है. इसी का असर है कि मार्च 2025 में गृह मंत्रालय ने देशभर के कुल 18 नक्सल प्रभावित जिलों की लिस्ट जारी की है, जिसमें बस्तर और कोंडागांव जिले लीगेसी जिले में रखा गया है.

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18 जिलों को वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिले के रूप में चिन्हित किया गया

गौरतलब है गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में देशभर में कुल 18 जिलों को वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिले के रूप में चिन्हित किया गया है. इन 18 जिलों को तीन उप-श्रेणियों में विभाजित किया गया है.अत्यधिक प्रभावित एलडब्ल्यूई जिले, अन्य एलडब्ल्यूई प्रभावित जिले और चिंता के जिले, जिनमें प्रत्येक उप-श्रेणी में 6 जिले शामिल हैं.

भारत सरकार द्वारा चिन्हांकित नक्सल प्रभावित जिले की श्रेणियां

सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर व कांकेर जिलों को अत्यधिक एलडब्ल्यूई श्रेणी में रखा गया

अधिसूचना के मुताबिक बस्तर रेंज के संदर्भ में, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और कांकेर जिलों को अत्यधिक एलडब्ल्यूई प्रभावित जिलों की श्रेणी में रखा गया है, जबकि दंतेवाड़ा जिला को अन्य एलडब्ल्यूई प्रभावित जिला के रूप में चिन्हित किया गया है. वहीं, बस्तर रेंज के बस्तर और कोंडागांव जिलों को लीगेसी श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है.

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बस्तर संभाग के कोंडागांव और बस्तर जिलों को देशभर के अन्य 28 जिलों के साथ मिलाकर 'लीगेसी एवं थ्रस्ट ज़िलों' की श्रेणी में रखा गया है, इसका अर्थ है कि इन जिलों में नक्सली गतिविधियों में कमी आई है, लेकिन फिर भी सतर्कता व विकासात्मक/संचालनात्मक प्रयासों को बनाए रख जरूरी है'

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बस्तर रेंज में एलडब्ल्यूई स्थिति में उल्लेखनीय और सकारात्मक सुधार देखा गया है

उल्लेखनीय है कि हाल के महीनों में प्रभावी नक्सल विरोधी अभियानों के कारण बस्तर रेंज में एलडब्ल्यूई स्थिति में उल्लेखनीय और सकारात्मक सुधार देखा गया है. कोंडागांव और बस्तर जिलों को लीगेसी जिलों के रूप में चिन्हित किया जाना नक्सल मुक्त जिलों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. 

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बस्तर रेंज के सभी जिलों से नक्सली समस्या के उन्मूलन के लिए जाएंगे हरसंभव प्रयास 

बस्तर रेंज आईजी पी. सुदरराज ने गृह मंत्रालय द्वारा वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिले को लेकर जारी अधिसूचना की चर्चा करते हुए कहा कि आगामी महीनों में यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे कि बस्तर रेंज के सभी जिलों से नक्सली समस्या का पूर्णतया उन्मूलन किया जा सके.

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