बिलासपुर में आयोजित बीजेपी के यूनिटी मार्च के दौरान मंगलवार को अचानक माहौल गर्म हो गया. दरअसल, इस कार्यक्रम में बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला और भाजपा प्रदेश मंत्री हर्षिता पांडेय के बीच फर्स्ट लाइन में चलने को लेकर विवाद हो गया. कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ भाजपा नेता मौजूद थे.
सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर तिफरा स्थित काली मंदिर परिसर से यूनिटी मार्च की शुरुआत की गई थी. इस मार्च में स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राओं, युवाओं और भाजपा नेताओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. मार्च के दौरान भाजपा नेत्री हर्षिता पांडेय केंद्रीय मंत्री तोखन साहू के साथ फर्स्ट लाइन में चल रही थीं, जबकि विधायक सुशांत शुक्ला को सेकंड लाइन में जगह मिली थी. लिहाजा, सुशांत शुक्ला के फर्स्ट लाइन में आने की कोशिश पर हर्षिता पांडेय नाराज़ हो गईं, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई.
केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने किया हस्तक्षेप
विवाद बढ़ता देख केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने दोनों नेताओं के बीच आकर स्थिति को संभालने की कोशिश की. हालांकि, मंत्री के समझाने के बाद भी दोनों नेताओं में बहस जारी रही. यह पूरा वाकया लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. सोशल मीडिया पर भी इस घटना के वीडियो और चर्चाएं तेजी से वायरल हो रही हैं.
कांग्रेस ने कसा तंज
बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला और भाजपा प्रदेश मंत्री हर्षिता पांडेय के बीच अकली लाइन में आने होड़ में हुई तू-तू मैं-मैं पर कांग्रेस प्रवक्ता अभय नारायण राय तंज कसा है. उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि एक तरफ ये एकता यात्रा निकाल रहे हैं और खुद की एकता तार-तार हो रही है. सरदार पटेल के मार्ग पर चलने के बजाय भाजपा नेता एक-दूसरे को निपटाने में लगे हैं. भाजपा पहले अपनी एकता संभाले, फिर देश के लिए एकता मार्च निकाले.
भाजपा का विवाद से इनकार
वहीं, भाजपा ने दोनों नेताओं के बीच किसी तरह की तकरार से इंकार किया है. भाजपा प्रवक्ता प्रणव शर्मा ने इस पूरे मामले पर कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. इस विषय को अनावश्यक रूप से तूल दिया जा रहा है. यात्रा अपने लक्ष्य की दिशा में सबको साथ लेकर आगे बढ़ रही है. इस पर बात करना उचित नहीं है.
कार्यक्रम में मौजूद रहे कई दिग्गज नेता
इस यूनिटी मार्च में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, अमर अग्रवाल, सुशांत शुक्ला, हर्षिता पांडेय सहित भाजपा के तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे. कार्यक्रम का उद्देश्य सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर देश की एकता और अखंडता का संदेश देना था, लेकिन नेताओं के बीच हुए विवाद ने इस उद्देश्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं.