Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में लगभग एक दशक पहले शुरू हुआ स्वीमिंग पुल का निर्माण आज भी अधूरा पड़ा है. इस परियोजना के लिए 1.11 करोड़ रुपए की लागत से काम शुरू किया गया था, लेकिन सत्ता परिवर्तन और राजनीतिक खींचतान के कारण यह कार्य पूरा नहीं हो सका. अब भाजपा और कांग्रेस के जनप्रतिनिधि एक-दूसरे पर आरोप लगाकर जिम्मेदारी से बच रहे हैं.
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के दौरान मनेन्द्रगढ़ नगरपालिका को स्वीमिंग पुल निर्माण के लिए 1.11 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी. उस समय भाजपा के धर्मेंद्र पटवा नगर पालिका अध्यक्ष थे. उन्होंने हसिया नदी के किनारे नगरपालिका पार्क के समीप निर्माण कार्य शुरू कराया. इसके बाद कांग्रेस के राजकुमार केशरवानी के अध्यक्ष बनने पर अतिरिक्त 50 लाख रुपए की स्वीकृति मिली. काम कुछ आगे बढ़ा, लेकिन इसी दौरान पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र पटवा ने ठेकेदार द्वारा किए गए भुगतान को लेकर शिकायत दर्ज करा दी.
अधूरे निर्माण के कारण शहरवासियों को इसका लाभ नहीं मिल सका. पुल के पास चेंजिंग रूम, सड़क और कुछ मशीनरी का निर्माण तो हुआ, लेकिन अब ये सब कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं. वर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष प्रभा पटेल ने कहा कि एसडीएम कार्यालय से फाइल तो वापस आ गई है, लेकिन सरकार से शेष काम के लिए राशि नहीं मिलने के कारण कार्य रुका हुआ है.
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राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र पटवा और राजकुमार केशरवानी इस मामले में एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं. पटवा का कहना है कि कांग्रेस की लापरवाही के कारण परियोजना रुकी, जबकि केशरवानी ने भाजपा शासनकाल में हुए कथित वित्तीय अनियमितताओं को जिम्मेदार ठहराया . शहर के लोगों का कहना है कि यदि यह स्वीमिंग पुल बनकर तैयार हो जाता, तो बच्चों और युवाओं के लिए एक बेहतरीन सुविधा होती. लेकिन राजनीतिक खींचतान के चलते यह सपना अधूरा रह गया.
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