Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Chhattisgarh) विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai) के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसकी गवाही आंकड़े भी दे रहे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh MNREGA) में मनरेगा (MNREGA) के अंतर्गत 4 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. छत्तीसगढ़ में मनरेगा न सिर्फ मजदूरों (MNREGA Labour) को रोजगार (Employment) के अवसर उपलब्ध करा रहा है बल्कि उनके जीवन में व्यापक बदलाव भी ला रहा है. छत्तीसगढ़ राज्य मनरेगा (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act, 2005) के क्रियान्वयन में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अप्रैल में 2 करोड़ 57 लाख तथा माह मई में 3 करोड़ 15 लाख रोजगर सृजित हुआ. इसी प्रकार मई तक 5 करोड़ 82 लाख से अधिक मानव दिवस का रोजगार सृजन कर विगत चार वित्तीय वर्ष के माह अप्रैल और मई में हुए सृजित मानव दिवस का आंकड़ा प्राप्त कर नई उपलब्धि हासिल की है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में मई माह तक 4 करोड़ 81 लाख, वर्ष 2022-23 में मई माह तक 1 करोड़ 19 लाख, वर्ष 2023-24 में मई माह तक 4 करोड़ 49 लाख तथा 2024-25 में मई माह तक 5 करोड़ 72 लाख रोजगार का सृजन हुआ है. मनरेगा अंतर्गत विगत 6 माह में 10 करोड़ 93 लाख मानव दिवस सृजित हुआ वही 1 लाख 73 हजार निर्माण कार्य पूर्ण हुआ.
अमृत सरोवर में हर दिन 59 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार
CM विष्णुदेव साय के नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक आजीविका संवर्धन एवं रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही जल संरक्षण की दिशा में भी कार्य किए जा रहे हैं.
आगामी चार वर्षों में 8966 ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है. इस तरह राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायतों को इस योजना से लाभान्वित किया जा रहा है.
माओवाद प्रभावित इलाके के 87 ग्रामों में मनरेगा से काम
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि CM विष्णुदेव साय के नेतृत्व में नियद नेल्लानार योजनान्तर्गत माओवाद प्रभावित इलाके के 87 ग्रामों को चिन्हित कर मनरेगा योजना से वृहद पैमाने पर कार्यों की स्वीकृति कर नियमित रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं, जिससे उक्त अंदरूनी क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों को रोजगार सुलभ हो रहा है.
मनरेगा अंतर्गत वनाधिकार पट्टाधारी परिवारों को हितग्राहीमूलक कार्यों के माध्यम से जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए प्रदेश स्तर से विभागीय अधिकारियों को नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं. इस दिशा में नियमित समीक्षा और राज्य स्तर से बेहतर क्रियान्वयन रणनीति का परिणाम है कि मनरेगा नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है.
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