CM Vishnu Dev Sai: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में महतारी वंदन योजना (Mahatari Vandan Yojana) की 10वीं किश्त जारी हो चुकी है. प्रदेश की 70 लाख महिलाओं के खाते में 652 करोड़ रुपये ट्रांस्फर किए गए हैं. सीएम विष्णु देव साय (CM Vishnu Dev Sai) ने इस मौके पर बताया कि एक साल पहले आज ही के दिन सुशासन का सूर्योदय हुआ था. छत्तीसगढ़ की जनता के जनादेश के बाद मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश के नवोत्कर्ष का सफर प्रारंभ हुआ था. इसके आगे उन्होंने कहा कि रायगढ़ की महिला ने बटन दबाकर प्रदेश की लगभग 70 लाख माताओं-बहनों के खाते में महतारी वंदन योजना की 10वीं किश्त जारी की. महतारियों को हर महीने खुशियों का नोटिफिकेशन मिलने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी.
महतारी वंदन से सास-बहू की रिश्तों में आई मिठास
महतारी वंदन योजना जरूरतमंद महिलाओं की जिंदगी बदलने से लेकर रिश्तों में आई कड़वाहट को भी मिठास में बदल रही है. अमूमन यह कहा जाता है कि सास और बहू के रिश्ते में खटास आ ही जाती है. लेकिन, इस योजना ने इस खटास को भी मिठास में बदल दिया है. महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम बेमचा की रहने वाली शैलेन्द्री ध्रुव की बहू गेस कुमारी एक ही घर में एक ही छत के नीचे खुशी से जीवन यापन कर रही है. पिछले तीन सालों से बहू उनके साथ रह रही है. अभी वर्तमान में उनके यहां नया मेहमान भी आने वाला है. गरीबी और आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहे इस परिवार के लिए दो हजार रुपये प्रतिमाह की आवक बड़ी राशि है. इससे दैनिक खर्च के अलावा छोटी-मोटी स्वास्थ्यगत समस्याओं का भी समाधान आसानी से हो जाता है.
महिलाओं का जीवन हो गया सुगम
जिन छोटी-मोटी जरूरतों के लिए पहले महिलाओं को बार-बार अपने बजट में जोड़-तोड़ करनी पड़ती थी, अब महतारी वंदन योजना से प्रतिमाह मिलने वाली 1 हजार रुपये की सहायता राशि से वे पूरी हो रहीं हैं. यही नहीं, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार के क्षेत्र में भी महिलाएं इस राशि का उपयोग कर सामाजिक-आर्थिक रुप से सशक्त हो रही और ऐसी महिलाओं की कहानी रोजाना हमें देखने मिल रही है.
'होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के लिए है जरूरी'
ऐसी ही एक कहानी अम्बिकापुर के खालपारा की ममता दास की है. ममता बताती हैं कि महतारी वंदन योजना के तहत उनके खाते में हर महीने 1 हजार रुपए आते हैं. ये राशि मेरे लिए बहुत अहम है, क्योंकि यह मेरे होने वाले शिशु के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आधार साबित होगा. इस राशि से पोषणयुक्त आहार लेकर ममता अपने मजबूत भविष्य की नींव रख रहीं हैं. ममता ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं, पति मेहनत मजदूरी करते हैं, छोटी-सी आय में जीवनयापन हो रहा है, लेकिन मैं अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर आगे बढ़ाना चाहती हूं, इसलिए बच्चों के स्वास्थ्य एवं खान-पान का पूरा ध्यान रखती हूं.
'ऑनलाइन फ्रॉड होने की थी आशंका'
वहीं कोरिया जिले के सोनहत विकासखंड के ग्राम कछार, अंगवाही की रहने वाली गुलावती, शकुंतला, सुंदरी, मंगली व बेला बाई ने बताया कि एक हजार रुपए जब उनके खाते में पहली बार आया, तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ और ऑनलाइन फ्राड होने की आशंका की वजह से वे पैसे नहीं निकाले. तब ग्राम सरपंच व हितग्राही गुलावती ने विभिन्न अधिकारियों व बैंक में जाकर इस सम्बंध में जानकारी ली, तब उन्हें पता चला महतारी वन्दन योजना के तहत ही उनके खाते में एक हजार रुपए प्राप्त हुए हैं.
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परिवार को आर्थिक सहारा देती हैं शकुंतला बाई
शकुंतला बाई जो तीन बच्चों की मां हैं, उन्होंने बताया कि इस योजना की राशि से वे अपने परिवार को आर्थिक सहारा देने, आत्मनिर्भर बनने और परिवार की भलाई के लिए एक सिलाई मशीन खरीदी और आसपास के लोगों के कपड़े सिलकर अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर रही हैं. वहीं सुंदरी व बेला बाई ने कहा कि इस योजना की राशि का उपयोग सब्जी व किराना समान में उपयोग कर रही हैं और कुछ पैसे को घर में जमा कर रही हैं ताकि जरूरत पर काम आए.
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