Naxali Hidma Killed: छत्तीसगढ़ में पिछले दो दशकों में हुए बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड, प्रतिबंधित माओवादी संगठन का सबसे खूंखार कमांडर माडवी हिड़मा मंगलवार को पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में एक मुठभेड़ में मारा गया. पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऐसे समय में हिड़मा का मारा जाना यहां माओवादी आंतक के 'ताबूत में आखिरी कील' के रूप में देखा जा रहा है जब बस्तर क्षेत्र में माओवादी गतिविधियां कम होने लगी हैं. वहीं छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने रायपुर में संवाददाताओं को बताया ‘‘हमें जानकारी मिली है कि आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ सीमा पर मारे गए माओवादी कार्यकर्ताओं में माओवादी नेता माडवी हिड़मा भी शामिल है. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटनाक्रम है.'' सुरक्षा बलों पर सशस्त्र हमलों के विभिन्न मामलों में वांछित शीर्ष नक्सली कैडर मांडवी हिडमा के मारे जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शीर्ष अधिकारियों से बात की. हिड़मा को सुरक्षा बलों द्वारा पकड़ने के लिए निर्धारित 30 नवंबर, 2025 की समय सीमा से पहले ही मार गिराया गया.
डिप्टी ने की ये अपील
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया, "आंध्र प्रदेश में सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के साथ एक मुठभेड़ में कुछ नक्सली नेताओं के मारे जाने की सूचना है जिसमें माडवी हिडमा का भी नाम है. पुष्टि होना अभी शेष है." उन्होंने कहा कि "सुकमा, कोंटा जिला से लगा हुआ जिला में मुठभेड़ हुई. कुछ नक्सलियों के न्यूट्रलाइज होने की सूचना है. सीसी मेंबर हिड़मा और उसकी पत्नी के साथ 4 साथी की सूचना मिली थी. हिड़मा के न्यूट्रलाइज होने की सूचना है, कन्फर्मेशन होना शेष है. 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त होना है. जान पहचान का कन्फर्मेशन हो गया है. तकनीकी आधार पर कन्फर्मेशन चल रहा है. आंध्र प्रदेश पुलिस, CRPF टीम ने कार्रवाई की है. नक्सलियों से आग्रह है कि पुनर्वास करें."
IG बस्तर ने ये कहा
IG बस्तर पी सुंदरराज ने कहा, "आज 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने 6 माओवादियों के शव बरामद किए. उनमें से एक माओवादियों की केंद्रीय समिति का सदस्य माडवी हिडमा शामिल था, जो पूर्व में पीएलजीए बटालियन का कमांडर था और आतंकवाद का चेहरा माना जाता है. आज की मुठभेड़ में उसका शव भी बरामद किया गया. हिड़मा की पत्नी और चार अन्य माओवादियों के शव बरामद किए गए. मौके से भारी मात्रा में एके-47 और गोला-बारूद भी बरामद किया गया."
कौन है माडवी हिड़मा?
सुकमा जिले के पूवर्ती गांव के मूल निवासी हिडमा की उम्र और रूप-रंग सुरक्षा एजेंसियों के बीच लंबे समय तक अटकलों का विषय रहे हैं. यह सिलसिला इस वर्ष की शुरुआत में उसकी तस्वीर सामने आने तक जारी रहा. हिड़मा ने कई वर्षों तक माओवादियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर एक का नेतृत्व किया. यह बटालियन दंडकारण्य में माओवादी संगठन का सबसे मजबूत सैन्य दस्ता है. दंडकारण्य छत्तीसगढ़ के बस्तर के अलावा आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, हिड़मा को पिछले वर्ष माओवादियों की केंद्रीय समिति में पदोन्नत किया गया था. वह दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) का भी सदस्य रहा है, जिसने दक्षिण बस्तर में कई घातक हमलों को अंजाम दिया है.
तब से बस्तर में सुरक्षाबलों पर हुए हर बड़े हमले के बाद हिड़मा का नाम बार-बार सामने आया. गुरिल्ला युद्ध में प्रशिक्षित, हिडमा एके-47 राइफल रखने के लिए जाना जाता था. उसकी टुकड़ी में कई सौ जवान आधुनिक हथियारों से लैस थे. जंगलों के अंदर उसके चार-स्तरीय सुरक्षा घेरे के कारण कथित तौर पर वह वर्षों तक सुरक्षाबलों की पहुंच से दूर रहा.
हिड़मा जिन बड़े नक्सली हमलों में शामिल था, उनमें 2013 में बस्तर के दरभा क्षेत्र का झीरम घाटी हमला भी शामिल है. इस हमले में महेंद्र कर्मा, नंद कुमार पटेल और विद्याचरण शुक्ल जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मारे गए थे. वह 2017 में बुरकापाल में हुए हमले का भी आरोपी है, जिसमें सीआरपीएफ के 24 जवान शहीद हो गए थे.
पुलिस के मुताबिक उनकी पत्नी राजे भी उसी बटालियन में सक्रिय थी और कथित तौर पर लगभग हर बड़े माओवादी हमले में शामिल थी. पुलिस अधिकारियों ने बताया, ''हिडमा ने अपने कार्यकर्ताओं के बीच एक वीर छवि बना ली थी और उसका खात्मा बस्तर क्षेत्र से माओवाद के खात्मे की दिशा में एक बड़ा कदम है.''
आंध्र प्रदेश में हुई इस मुठभेड़ के साथ ही छत्तीसगढ़, झारखंड और आंध्र प्रदेश में अलग-अलग मुठभेड़ों में माओवादियों की केंद्रीय समिति के नौ सदस्य मारे गए हैं. प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव और शीर्ष कार्यकर्ता नंबला केशव राव उर्फ बसवराजू (70) और केंद्रीय समिति के पांच सदस्य छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि झारखंड में दो केंद्रीय समिति सदस्य मारे गए, जबकि इस साल आंध्र प्रदेश में भी कई अन्य नक्सली मारे गए. छत्तीसगढ़ पुलिस के अनुसार इस वर्ष माओवादियों के महासचिव और नौ केंद्रीय समिति सदस्यों के खात्मे तथा केंद्रीय समिति सदस्यों सुजाता, भूपति और रूपेश के आत्मसमर्पण के बाद अब प्रतिबंधित संगठन में पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति के आठ सदस्य (शीर्ष माओवादी कार्यकर्ता) बचे हैं.
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