Loksabha Election 2024: छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में कांकेर लोकसभा सीट (Kanker Loksabha Seat) महत्वपूर्ण सीटों में से एक है. बस्तर संभाग की दो लोकसभा सीट में कांकेर लोकसभा कांग्रेस का किला रही है . लेकिन सन 1998 के बाद BJP ने ऐसी सेंधमारी की कि और अब तक बीजेपी ही जम गई है. इस बार यहां BJP ने अंतागढ़ से पूर्व विधायक रहे भोजराज नाग और कांग्रेस से बीरेश ठाकुर के बीच मुकाबला होगा.
नदियों, पहाड़ों झरनों से घिरी कांकेर लोकसभा सीट प्रदेश की राजनीति में अपना अलग महत्व रखती है. इस इलाके ने राज्य ही नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री तक दिए हैं. यह क्षेत्र नक्सलवाद की समस्या से भले ही जूझ रहा है, लेकिन इलाके के ग्रामीण नक्सली धमकियों और चुनौतियों के बीच सरकारें चुनने पोलिंग बूथों तक पहुंच ही जाते हैं. बिजली, पानी, सड़क, नक्सलवाद जैसी तमाम समस्याओं से जूझ रही इस सीट से BJPऔर कांग्रेस से सांसद चुने गए हैं, लेकिन सालों पुराने मुद्दे आज भी जस के तस बने हुए हैं. तमाम चुनौतियों के बीच इस बार भी कांग्रेस और BJP के बीच कड़ा मुकाबला होगा.
जानें इस सीट के बारे में
1967 को वजूद में आई थी ये सीट
छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से एक कांकेर लोकसभा सीट प्रदेश की राजनीति में खासा महत्व रखती है. इस सीट से जीते संसद केंद्रीय मंत्री बने हैं. साल 1967 के पहले दुर्ग और बस्तर की लोकसभा सीट का हिस्सा थी. परिसीमन के बाद यह सीट अपने वजूद में आई. 1967 में लोकसभा सीट घोषित होने के बाद यहां पहली बार चुनाव हुए थे. अब तक इस सीट से कुल 14 बार लोकसभा के चुनाव हो चुके है. जिसमें 6 बार कांग्रेस, 6 बार भाजपा, 1 बार जनसंघ और 1 बार लोकदल ने जीत दर्ज की है.
बीजेपी के लिए ये हो सकती है चुनौती
कुल 8 विधानसभा आते है. जिसके अंतर्गत चार जिले कांकेर, बालोद, धमतरी और कोंडागांव की विधानसभा सीटे हैं. आठ विधानसभा सीटों में कांकेर, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़, संजारी बालोद, गुंडरदेही, डौंडीलोहारा, केशकाल, नगरी शामिल है. यह सभी आठों विधानसभा सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है. इस क्षेत्र में आदिवासी समुदाय के अलावा, पिछड़ा वर्ग समुदाय के लोगों की संख्या भी बहुतायत है. हर दृष्टिकोण से सभी समुदाय वर्ग के लोग मिल जुलकर वोट देते आए हैं. कांकेर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली 8 विधानसभा में से 5 विधानसभा सीट कांग्रेस की झोली में हैं. बाकी बची 3 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. ऐसे में बीजेपी को इस बार जीत के लिए पूरा दम लगाना होगा.
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इन मुद्दों पर होगा चुनाव
बस्तर संभाग नक्सल समस्या से जूझ रहा है. उत्तर बस्तर कांकेर भी इससे अछूता नहीं है. क्षेत्र का अधिक्तर हिस्सा नक्सल समस्या से ग्रसित है. यही कारण है कि लोकसभा क्षेत्र के संवेदनशील इलाकों में विकास मुश्किल से पहुंच पा रहा है. आज भी पेयजल के संकट से लोग जूझ रहे है. कई इलाकों में लोग झरिया या तुंग का पानी पीने को मजबूर है. शिक्षा के क्षेत्र में भी कमी देखी गई है. अंदरूनी इलाकों में सड़क, बिजली सहित मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर लगातार मांग उठती रही है. इस बार के चुनाव में यही प्रमुख मुद्दों को लेकर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करते नजर आएंगे.
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