Chhattisgarh Liquor Scam Case ED Arrests Kawasi Lakhma: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले (Chhattisgarh Liquor Scam Case) के सिलसिले में राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले, ईडी ने एक बयान में दावा किया था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन के दौरान आबकारी मंत्री रहे लखमा शराब ‘घोटाले' में अपराध की आय के मुख्य प्राप्तकर्ता थे. ईडी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ था, जब राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था. कोंटा (सुकमा जिला) से छह बार विधायक रहे लखमा उस समय आबकारी मंत्री थे. वहीं लखमा की गिरफ्तारी के बाद भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है.
किसने क्या कहा?
कथित शराब घोटाले में पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा की ईडी द्वारा गिरफ्तारी पर सीएम विष्णु देव साय ने कहा, "ईडी मामले की जांच कर रही है. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने ED द्वारा पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर कहा, "ED में पंजीबद्ध प्रकरण है और उसी प्रकरण के अंतर्गत ED ने गिरफ्तार किया है. प्रकरण में स्पष्टता है और रेड हुई है जिसमें प्रमाण मिले हैं."
वहीं टीएस सिंह देव ने लिखा है कि कवासी लखमा जी की गिरफ्तारी भाजपा की कुख्यात द्वेषपूर्ण राजनीति का एक और उदाहरण है. विपक्ष के नेताओं को फंसाना और उनपर जबरन दबाव बनाना - भाजपा के गंदे खेल ने सरकारी संस्थाओं और जांच एजेंसियों की निष्पक्षता और काबिलियत पर से देश का विश्वास खत्म कर दिया है. इस संघर्ष के समय में हम सभी हमारे साथी, कांग्रेस नेता कवासी लखमा जी के साथ खड़े हैं.
‘किंगपिन' तक भी एजेंसियों के लंबे हाथ पहुंचेंगे : पंकज झा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मीडिया सलाहकार पंकज कुमार झा ने एक पोस्ट में लिखा है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के गिरफ्तार होने की खबर! तुलसी बाबा मानस में लिखते हैं - बरु भल बास नरक कर ताता. दुष्ट संग जनि देइ विधाता. अर्थात् नरक में रहना अच्छा है, परंतु ईश्वर कभी दुष्ट का संग न दे. जिस तरह जनजाति समाज से आने वाले एक निरक्षर नेता को प्रदेश की तब की कांग्रेस सरकार और उसके मुखिया ने बलि का बकरा बनाया, उन्हें आगे कर जिस तरह शराब घोटाले किए गए - जैसा आरोप है- वह दुःखद है.
सभी लाभार्थी चाहे वे राष्ट्रीय इकाई के लोग हों या और आगे, उन सबको प्रदेश की जनता का पैसा लूटने की सजा मिलनी ही चाहिए. शराबबंदी का वादा कर शराब ऑनलाइन पहुंचाना, नकली शराब तक लोगों को पीने विवश करने का अपराध न केवल कानून के खिलाफ है बल्कि ईश्वर के खिलाफ भी है. विश्वासघात और वादाखिलाफी की सजा सबसे बड़ी होती है. प्राकृतिक न्याय सबसे बड़ा होता है.
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