प्यासे तेंदुए ने किया किसान पर हमला, ग्रामीणों में मचा खौफ, क्या वन विभाग की लापरवाही है ?

Negligence Of Forest Department : बलौदा बाजार में एक प्यासे तेंदुए ने किसान के ऊपर हमला कर दिया. इस घटना के बाद ग्रामीणों में डर का माहौल है.  पहले भी ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं. लापरवाही का आरोप लगाया गया.

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CG News In Hindi : छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में इन दिनों वन्यजीव गर्मी की वजह से परेशान हो रहे हैं. पानी-भोजन की तलाश के लिए गांवों में प्रवेश कर रहे हैं.  वन विभाग की लापरवाही के चलते यह स्थिति और भी भयावह होती जा रही है. हालात ऐसे बन रहे हैं कि वन्य जीव मवेशियों के साथ ही अब इंसानों के लिए भी घातक बनते जा रहे हैं. इस पर वन अधिकारियों की लापरवाही और निष्क्रियता लोगों के लिए घातक साबित हो रही है. हालिया मामला तेंदुए का किसान के ऊपर हमले का सामने आया है.

घायल किसान को ग्रामीणों ने पहुंचाया अस्पताल 

बताया जा रहा है कि ग्राम हटौद निवासी किसान कांशी राम पटेल अपने खेत में रवि फसल की सिंचाई और देखरेख के लिए गए थे. इसी दौरान सोनाखान वन परिक्षेत्र से भटकता एक तेंदुआ खेत में आ गया. किसान पर हमला कर दिया. किसी तरह जान बचाकर कांशी राम खेत से भागे और गांव पहुंचे, जहां ग्रामीणों की मदद से उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसडोल लाया गया.

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पीठ पर तेंदुए के पंजों के गहरे घाव हैं

विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. रविशंकर अजगले ने बताया कि किसान के कान और पीठ पर तेंदुए के पंजों के गहरे घाव हैं. फिलहाल उनका इलाज जारी है और वे खतरे से बाहर हैं. बलौदा बाजार जिले के ग्रामीणों का कहना है कि वन अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण मानव और वन्य जीव के बीच द्वंद छिड़ने का खतरा बढ़ गया.

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वहीं, इस घटना के बाद जब उप वनमंडल अधिकारी अनिल वर्मा से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो वे मुख्यालय में मौजूद नहीं थे. फोन पर भी उनसे संपर्क नहीं हो सका. सूत्रों की माने, तो वर्मा अक्सर मुख्यालय में नहीं रहते, जिससे उनके अधीनस्थ कर्मचारी भी निष्क्रिय हो गए. वन्य प्राणियों के लिए जल स्रोतों की व्यवस्था की जाए, शिकार की घटनाओं पर सख्त निगरानी रखी जाए.

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कार्रवाई की मांग 

लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. वन रेंज अधिकारी सुनीत साहू ने बताया कि किसान खेत में गया था, जहां तेंदुए ने हमला किया. सामान्य खरोंच लगी है. उपचार के लिए भर्ती कराया गया. साथ ही समुचित इलाज हो इसके लिए प्रारंभिक रूप से 2 हजार रुपए की मदद दी गई. साथ ही डिस्चार्ज होने पर अस्पताल के बिल के आधार पर शेष मुआवजा के भुगतान के लिए प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

इसके साथ ही राजस्व विभाग से मिलने वाले मुआवजा के लिए तहसीलदार को घटना की सूचना दी गई है. बहरहाल किसान खतरे से बाहर है. वहीं वन्य जीव तेंदुआ जंगल में भाग गया. 

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पहले भी सामने आ चुकी है लापरवाही 

बलौदा बाजार वन मंडल में इससे पहले भी अधिकारियों की निष्क्रियता और लापरवाही का मामला सामने आ चुका है. गत वर्ष जब बारनवापारा अभ्यारण क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी थी तब भी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की थी. जबकि क्षेत्र में बाघ मौजूद था. अब उप वनमंडल अधिकारी अनिल वर्मा की निष्क्रियता ने फिर से मानव और वन्य जीवों को खतरे में डाल दिया है. बताया जा रहा है कि वर्मा इससे पहले लवन वन परिक्षेत्र में परिक्षेत्र अधिकारी के रूप में कार्यरत थे, तब 11 दिसंबर 2022 को वहां दो तेंदुओं के सड़े-गले शव मिले थे, तब भी उनकी कार्यशैली और मुख्यालय में अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठे थे.  इसके बावजूद पदोन्नति के बाद कसडोल में उप वन मंडल अधिकारी बनाया गया.

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