Naxalite: नक्सलवाद छोड़कर पकड़ी थी शांति की राह, अब नक्सलियों ने ऐसे उतार दिया मौत के घाट

Naxalite News: सुकमा में देर रात पूर्व नक्सली बारसे मासा को नक्सलियों ने मौत के घाट उतार दिया है. नक्सली गतिविधियों को छोड़कर सरेंडर करने के बाद पत्नी के साथ वो गांव लौटा आया था. यहां मासा खेती-किसानी का काम करने लगा था. लेकिन ये बात नक्सलियों को नागवार गुजरी.

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Chhattisgarh Today News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा में सरेंडर करने के बाद आम जीवन जी रहे पूर्व नक्सली बारसे मासा (Naxalite Barse Masa) को साथी नक्सलियों ने बीती रात मौत के घाट उतार दिया. सुकमा जिले के किस्टाराम थाना क्षेत्र से करीब ढाई किमीटर दूर सुन्नमपेंटा गांव में नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया. हाल ही में सरेंडर करने के बाद बारसे मासा पत्नी सुक्की के साथ अपने पैतृक गांव सुन्नमपेंटा लौटा था. यहां खेती किसानी कर रहा था. 

मासा पर संगठन से गद्दारी करने का आरोप

हत्या के बाद शव के पास बरामद नक्सली पर्चा.

रविवार की सुबह वारदात की सूचना मिलने के बाद किस्टाराम पुलिस मौके पर पहुंची. केस दर्ज करके जांच में जुट गई. इधर, नक्सलियों की किस्टाराम एरिया कमेटी ने घटना की जिम्मेदारी ली है, जिसमें उन्होंने मृतक बारसे मासा को संगठन से गद्दारी करने का आरोप लगाते हुए मौत की सजा सुनाने की बात लिखी. घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया.

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ग्रामीणों की वेशभूषा में घर में घुसे थे नक्सली

जानकारी के अनुसार, शनिवार देर रात 12 से ज्यादा ग्रामीण वेशभूषा में नक्सली, बारसे मासा के घर पहुंचे. इस दौरान इलाके में तेज बारिश हो रही थी. जिसका फायदा नक्सलियों ने उठाया. बारसे मासा के घर में पत्नी एवं अन्य सदस्य भी मौजूद रहे. ग्रामीण वेशभूषा में पहुंचे नक्सलियों को बारसे मासा पहचानने में गलती कर दी और घर से बाहर निकलकर उनसे बात करने लगा.

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मासा के सिर और गर्दन पर कई वार किए

मृतक नक्सली बारसे मासा की फाइल फोटो.

इसी दरमियान नक्सलियों में से एक सदस्य ने बारसे मासा के पीछे से हमला कर दिया. नक्सलियों ने धारदार हथियार से बारसे मासा के सिर और गर्दन पर कई वार किए. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. हाथापाई के दौरान पत्नी सुक्की ने बीच-बचाव करने का प्रयास किया लेकिन नक्सलियों ने उसके साथ भी मारपीट की.

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विशाखापट्टनम में पत्नी समेत किया था सरेंडर

दो महीने पहले अप्रैल में किस्टाराम एरिया कमेटी के बारसे मासा पत्नी सुक्की समेत आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था. इसके साथ डीवीसी मेंबर कुहराम मिथिलेश उर्फ राजू, वेट्टी भीमा, वंजम रामे उर्फ कमला और दूधी सोनी ने भी सरेंडर किया. बारसे मासा पर छत्तीसगढ़ शासन की ओर से 5 लाख रुपये और आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से 4 लाख रुपये का इनाम था. सरेंडर करने के बाद पहली बार बारसे मासा पत्नी मड़कम सुक्की के साथ गांव लौटा था.

एक सप्ताह से गांव में रहकर कृषी कार्य कर रहा था. माओवादियों को इसकी जानकारी मिली तो फिर शनिवार देर रात उसकी हत्या कर दी.

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आत्मसमर्पित नक्सलियों की सुरक्षा पर उठे सवाल

दो माह पूर्व सरेंडर करने के बाद गांव पहुंचे पूर्व नक्सली की हत्या के बाद सरकार की पुनर्वास नीति पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सरेंडर करने के बाद पुलिस ने बारसे मासा और उसकी पत्नी मड़कम सुक्की की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए. आपको बता दें, बारसे मासा नक्सली संगठन में 14 साल काम किया है. किस्टाराम एरिया कमेटी के रूप में बीते कुछ सालों से जिम्मेदारी निभा रहा था. एसीएम मेंबर रहने के दौरान बारसे मासा ने छत्तीसगढ़ और आंध्र-ओड़िसा सीमा पर कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा है. वहीं उसकी पत्नी मड़क सुक्की पार्टी मेंबर के रूप में काम कर चुकी है. इस पर एक लाख रुपये का इनाम था.

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