जमीन घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का आदेश, 'तहसीलदार और खरीददार के खिलाफ दर्ज करें FIR'

Land scam case Chhattisgarh: राजस्व रिकॉर्ड से जमीन के दस्तावेज गायब होने के मामले में हाईकोर्ट ने तहसीलदार और अन्य अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तहसीलदार समेत इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिए हैं.

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Chhattisgarh High Court: जमीन घोटाला मामले (Land scam Case) में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने तहसीलदार और जमीन खरीददार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिए हैं. यह आदेश बिलासपुर के पौंसरा गांव की 2.15 एकड़ जमीन के नामांतरण दस्तावेज गायब होने के मामले में जारी किया गया है. 

10 साल पहले हुआ था जमीन घोटाला 

10 साल पुराने जमीन घोटाला मामले में तात्कालिक अतिरिक्त तहसीलदार जयशंकर उरांव, रीडर एन.के. पांडे और जमीन खरीददार सुरेंद्र बहादुर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है.

राजस्व रिकॉर्ड से नामांतरण दस्तावेज गायब

कोर्ट ने यह नोटिस न्यायालय में दर्ज अवमानना याचिका के आधार पर जारी किया है. दरअसल, बिलासपुर के पौंसरा गांव की 2.15 एकड़ जमीन के नामांतरण दस्तावेज राजस्व रिकॉर्ड से गायब होने का मामला सामना आया था. जिसके बाद कोर्ट यह मामला कोर्ट तक पहुंचा. बता दें कि दस्तावेज न मिलने पर आवेदक ने कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी. जिसके बाद कोर्ट ने तहसील कार्यालय में जांच करने के आदेश दिए थे. हालांकि 15 दिनों तक जांच होने के बाद भी रिकॉर्ड नहीं मिले.

कोर्ट ने तहसीलदार और अन्य अधिकारी को ठहराया दोषी

वहीं इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई. साथ ही राजस्व रिकॉर्ड से दस्तावेज गायब होने के मामले में तहसीलदार और अन्य अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने तहसीलदार और जमीन खरीदार को दोषी मानते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. हालांकि इस मामले में अगली सुनवाई 26 नवंबर, 2024 को होगी. 

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