पैसे कमाने महाराष्ट्र गया मजदूर नहीं लौटा घर, आदिवासियों के गांव में फैला है दलालों का जाल

जिले में अनेक प्रकरण ऐसे सामने आए हैं जिसमें मजदूरों को अपने किए गए काम की मजदूरी छोड़कर वहां से भागकर अपने घर आना पड़ा है. पुरुष मजदूर ही नहीं बल्कि महिला मजदूर खासकर लड़कियों पर भी इन दलालों की नजर होती है.

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पैसे कमाने महाराष्ट्र गया मजदूर नहीं लौटा घर

Gaurela-Pendra-Marwahi News: गौरेला पेंड्रा मरवाही (Gaurela-Pendra-Marwahi) जिले के सकोला तहसील से महाराष्ट्र (Maharashtra) कमाने खाने गए तीन युवक में से एक युवक गोपाल त्रिपाठी लापता हो गया है जबकि दो युवक वापस अपने गांव आ गए हैं. अज्ञात आशंका से डरे परिजनों ने एसपी गौरेला पेंड्रा मरवाही से मदद की गुहार लगाई है. इस संबंध में लापता युवक गोपाल त्रिपाठी (Gopal Tripathi) के भाई राकेश त्रिपाठी ने एसपी को लिखे ज्ञापन में बताया कि उसका भाई गोपाल त्रिपाठी, उम्र लगभग 38 वर्ष, अशोक जाधव के माध्यम से कमाने खाने के लिए महाराष्ट्र गया था. 

अशोक जाधव अंतरराज्यीय मजदूर एजेंट का काम करता है जो अधिक पैसों का लालच देकर उन्हें महाराष्ट्र ले गया था. एजेंट अशोक जाधव के साथ में कन्हैया रजक और इम्तियाज़ भी गए थे जो एक महीने बाद वापस आ गए लेकिन गोपाल त्रिपाठी अभी तक महाराष्ट्र से वापस नहीं लौट पाया है. परिजनों ने आशंका जताई है कि गोपाल को बंधक बना लिया गया है और उसकी जान को भी खतरा हो सकता है. कमाने खाने गए गोपाल त्रिपाठी के लापता होने के बाद राकेश त्रिपाठी ने पुलिस अधीक्षक को सौंपे ज्ञापन में मांग की है कि उसके भाई गोपाल को बंधन से मुक्त कराया जाए.

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मजदूरों का घर लौटना है मुश्किल

आदिवासी अंचल गौरेला पेंड्रा मरवाही में मजदूरों को दूसरे राज्य में भेजने के लिए गांव-गांव दलाल सक्रिय हैं जो कमीशन पर मजदूरों को दूसरे राज्य भेजने का काम करते हैं. मगर मजदूरों को भेजने के बाद ये लोग किसी तरह की जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाते फिरते हैं. मजदूर कहां काम कर रहा है, कौन सी जगह पर है इसकी जानकारी ये लोग परिजनों को देने से इनकार करते हैं. ऐसे में किसी विपरीत परिस्थिति में अगर मजदूर अपने घर वापस आना चाहता है तो उसे किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिल पाती. 

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महिला मजदूरों पर भी दलालों की नजर

जिले में अनेक प्रकरण ऐसे सामने आए हैं जिसमें मजदूरों को अपने किए गए काम की मजदूरी छोड़कर वहां से भागकर अपने घर आना पड़ा है. पुरुष मजदूर ही नहीं बल्कि महिला मजदूर खासकर लड़कियों पर भी इन दलालों की नजर होती है. ये उन्हें आकर्षक वेतन का लालच देकर दूसरे राज्य में काम दिलाने के बहाने ले जाते हैं लेकिन बाद में उनके साथ जो परिस्थितियां निर्मित होती हैं उसके कारण वे वहां से भाग कर तो आ जाते हैं लेकिन यहां अपने साथ घटित घटनाओं की जानकारी नहीं दे पाते. ऐसे में अब जरूरी है कि प्रशासन ऐसे मजदूर दलालों की पहचान कर उन पर नकेल कसे ताकि मजदूर किसी झांसे में ना आएं.