
Kumhari Toll Plaza: रायपुर और दुर्ग के बीच में स्थित कुम्हारी टोल प्लाजा की मियाद 2015 में ख़त्म होने के बाद भी टोल टैक्स लगने का विरोध लगातार बढ़ रहा है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों टोल प्लाजा को बंद करने की मांग कर रहे हैं. बीजेपी सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्रीय परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर टोल प्लाजा को अवैध बताते हुए बंद करने की मांग की है. दरअसल कुम्हारी टोल प्लाजा की मियाद 2015 में खत्म हो चुकी है, लेकिन सड़क मेंटेनेंस के नाम पर टोल टैक्स की वसूली जारी है. हर दिन लाखों रुपये की आमजन से वसूली की जाती है. वाहन मालिक टोल वसूली को अवैध बताते हुए बंद करने की मांग कर रहे हैं.
वाहन चालकों का क्या कहना है?
कार से सफर करने वाले ठाकुर दयाल कहते हैं कि "हमारा हर हफ्ते भिलाई-दुर्ग जाना रहता है, रायपुर का रहने वाला हूं. बिजनेस के लिए आते-जाते हैं. हर बार यह टोल हमको देना पड़ता है. एक बार में ₹25 काटता है. यह अवैध है इसके बारे में हम लोग भी सुने हैं. वहीं मिनी ट्रक चालक मुकेश राजपूत बताते हैं कि "एक बार आते हैं, एक बार जाते हैं तो 80 रुपये लगता है, यह अवैध वसूली है." सुनील बस चलाते हैं, उनका कहना है कि "यह पूरी तरह से अवैध है. बहुत साल हो गया है. हम लोग के बोलने से कुछ नहीं होता है."
- भिलाई टोल प्लाजा 2003 में बनना शुरू हुआ
- 2006 से टोल वसूला जा रहा
- 2015 में टोल प्लाज़ा की खत्म हो गई मियाद
- 2015 से NHAI टेंडर जारी कर टोल वसूल रही
- हर दिन लगभग 23 से 24 हज़ार वाहन गुजरते है
- 25 रुपए से लेकर 180 रुपये टोल टैक्स
- औसतन 100 रुपये एक गाड़ी का टोल टैक्स
- 23 से 24 लाख रुपये हर दिन टोल टैक्स की होती है वसूली
कांग्रेस टोल प्लाजा को अवैध बता रही है. कांग्रेस का कहना है कि दुर्ग और कुम्हारी दोनों टोल नाके एक साथ शुरू हुए थे, लेकिन कुम्हारी टोल प्लाजा में खुली वसूली जारी है.
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस के मीडिया चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "कुम्हारी टोल प्लाजा में जनता से वसूली हो रही है, जबकि इसकी मियाद ख़त्म हो चुकी है, इसे जल्द बंद किया जाना चाहिए."
बीजेपी का क्या कहना है?
रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि "हम प्रयास कर रहे हैं और हमारी कोशिश होगी कि कुम्हारी टोल नाके से रायपुर दुर्ग के लोगों को जल्द लाभ मिले. अभी तीन हज़ार रुपए सलाना की सुविधा मिलेगी. केंद्रीय परिवहन मंत्री को पत्र लिखा है दस पंद्रह दिन में फैसला हो जाएगा.
ठेका कंपनी का क्या कहना है?
खलस्तर कंस्ट्रक्शन इंफ्रा के मैनेजर दिलीप कुमार का कहना है कि "केसीसी नागपुर की कंपनी है. एक वो कंपनी चला रही है. हमारे पास वर्क ऑर्डर है. एक साल का टेंडर मिला है, गवर्नमेंट टेंडर निकलती है, ऑनलाइन प्रोसेस हुई, उसमें टेंडर हुआ. जिसका मैक्सीमम होता है उसको टेंडर मिलता है, यह वैलिड है. हमारा 8 अप्रैल 26 तक का टेंडर है. पता नहीं कहां से यह प्रश्न उठता है. हमारे पास सारे पेपर्स हैं. नोटिफिकेशन है."
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