कोरिया में ट्रैफिक नियमों की खुद अफसर उड़ा रहे धज्जियां, RTO में रजिस्ट्रेशन के बिना दो सालों से दौड़ रही एम्बुलेंस

Korea News : मरीजों को  बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए घर तक वाहन की सुविधा के लिए कोरबा लोकसभा के चार जिलों में आवंटित 15 एंबुलेंस करीब दो सालों से जिलों की सड़कों पर सरपट दौड़ रही हैं. लेकिन आरटीओ में रजिस्ट्रेशन नहीं होने से ड्राइवर एम्बुलेंस चलाने से इंकार कर रहे हैं. 

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Chhattisgarh News: कोरिया जिले में सांसद निधि से मिली एम्बुलेंस का दो सालों के बाद भी RTO में रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है.  बिना नंबर की ये एम्बुलेंस सड़क पर दौड़ रही है. वहीं इन वाहनों पर जिले में शासकीय डीजल भरवाने का भी पेंच है. जिससे कई बार मरीज के परिवार से डीजल भरवाए जाते हैं. बता दें कि कोरबा लोकसभा क्षेत्र के 4 जिलों के लिए 15 एम्बुलेंस आबंटित की गई थी.  

ये है मामला 

जानकारी के अनुसार तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की मौजूदगी में जून 2022  को कोरबा, कोरिया, MCB व जीपीएम जिले के प्रत्येक विकासखंड में सांसद निधि से 15 एंबुलेंस दिए गए थे. स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार और वनांचल क्षेत्रों में आपातकाल में मरीजों को तत्काल राहत पहुंचाने एंबुलेंस चलने लगी. लेकिन उद्घाटन के बाद करीब दो साल हो गए हैं, लेकिन कोरिया और एमसीबी जिले में चलने वाली पांच एंबुलेंस का RTO में रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है. जिससे शासकीय पर्ची से बिना नंबर की एंबुलेंस को डीजल नहीं मिलती है. आरटीओ में रजिस्ट्रेशन नहीं होने से इन वाहनों का बीमा भी नहीं करा रहे हैं. जिससे ड्राइवर सहित इन वाहनों में बैठने वाले मरीज चिंतित हैं और एंबुलेंस  वाहन चालक इन वाहनों को चलाने से इंकार कर दिए हैं. हालांकि स्वास्थ्य अधिकारी  कोरिया व एमसीबी के दबाव से  संविदा ड्राइवर पर दबाव डालकर इन्हें जबरन चलवा रहे हैं.  

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CMHO का ये फरमान 

सांसद निधि से मिली एंबुलेंस का आरटीओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण ड्राइवर वाहन चलाने से भयभीत हैं। इधर कोरिया के सीएमएचओ ने सिविल सर्जन और बीएमओ को फरमान जारी कर दिया है। कि, जब तक आरटीओ कार्यालय में एंबुलेस का रजिस्ट्रेशन नहीं होता है. तब तक सिर्फ छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के भीतर ही वाहन चलवाएं। साथ ही  छत्तीसगढ़ के बाहर किसी भी हाल में नहीं भेजे जाएं.

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क्या कहते हैं जिम्मेदार 

बैकुंठपुर के CMHO डॉ.आर.एस.सेंगर ने बताया कि  कुछ शासकीय एंबुलेंस का आरटीओ कार्यालय में पंजीयन नहीं हुआ है। मामले में सिविल सर्जन, बीएमओ सेानहत-पटना को निर्देश दिए गए हैं कि जब तक आरटीओ में रजिस्ट्रेशन नहीं होता है, तब तक छत्तीसगढ़ के भीतर ही एंबुलेंस को चलाए जाएं। अब तक रजिस्ट्रेशन क्यों नही हुआ इस संबंध में कुछ भी कहने से बचते नजर आए.  

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