Kanker City Bus: कांकेर में दम तोड़ रही सिटी बस की योजना, रखरखाव के अभाव में कई गाड़ियां हुईं कबाड़

Kanker City Bus Service: 9 साल पहले छत्तीसगढ़ के कांकेर में सिटी बस योजना शुरू की गई थी, लेकिन रख रखाव सही तरीके से नहीं होने के कारण सभी बसे खड़े-खड़े कबाड़ हो गई हैं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ.

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City Bus Service in Kanker: छत्तीसगढ़ के कांकेर (Kanker) जिले के ग्रामीण अंचलों के लोगों को किफायती दाम में आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई सिटी बस सेवा योजना (City Bus Services) अब दम तोड़ती नजर आ रही है. प्रशासनिक उदासीनता और रख रखाव के अभाव में सिटी बसें निगम के यार्ड में खड़े-खड़े कबाड़ में तब्दील होती जा रही है. लिहाजा ये कि ग्रामीण आज भी शहर आने-जाने के लिए महंगे दामों में सफर करने के लिए मजबूर है.

रख-रखाव के अभाव में सिटी बस हुए कबाड़

9 साल पहले गांव को शहर से जोड़ने के लिए सरकार ने कांकेर जिले को सिटी बस की सौगात दी थी. सौगात मिलने के बाद लोगों ने सोचा कि सस्ते दाम पर यात्रा का लाभ मिलेगा, लेकिन सस्ते दाम पर मिलने वाली यात्रा को ग्रहण लग गया हैं. दरअसल, 4 सालों से सिटी बसों का संचालन बंद है. हालात ये है कि सभी सिटी बसें कबाड़ में तब्दील हो गई है. जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं.

बता दें कि राज्य के बड़े शहरों में सिटी बसें चलाने सौगात दी गई. कांकेर जिले को भी इसका लाभ मिला. जिले को 10 सिटी बसों की सौगात दी गई, लेकिन 10 सिटी बसों में जिले को लेवल 8 बसे भेजी गई. 2 सिटी बसे कांकेर पहुंची ही नहीं. संचालन के लिए पालिका ने ठेका दी. 8 बसों में 3 बसे के संचालन के लिए परमिट नहीं मिली.

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करोड़ों रुपये का हुआ नुकसान

शुरुआती दिनों में शहर के आसपास के ग्रामीण इलाकों में बसे चलने लगी. कुछ साल चलने के बाद संचालन बंद हो गया और बसे खड़ी कर दी गई. अब स्थिति यह है कि बसे पड़े-पड़े खराब हो रही है. बसों के खड़े होने से असामाजिक तत्वों ने बसों के पार्ट्स चोरी हो रहे है. बसे खड़ी-खड़ी कबाड़ में तब्दील हो रही है. लोग आज भी सस्ते दर पर मिलने वाले इस लाभ के इंतजार में है.

मनमानी किराया वसूल रहे निजी बस संचालक

बताया जा रहा है कि इन बसों के रख रखाव सही तरीके से नहीं होने के कारण सभी बसे खड़े-खड़े कबाड़ हो गई हैं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. वहीं वर्तमान में यात्रियों से निजी बस संचालक मनमानी किराया वसूल रहे हैं. 

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