Lok Sabha Election 2024: इस पार्टी के कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें, कोरबा प्रत्याशी ज्योत्सना को करना पड़ रहा है ये काम

Korba Lok Sabha: निष्क्रियता एवं परिवारवाद का आरोप झेल रही कांग्रेस सांसद प्रत्याशी ज्योत्सना महंत पर भाजपा की उम्मीदवार भारी पड़ती नजर आ रही है. पिछला लोकसभा चुनाव में ज्योत्सना महंत 2.3 प्रतिशत मतों के अंतर से जीती थी. इस बार उनके लिए चुनावी यात्रा कठिन होती नजर आ रही है.

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Jyotsna Mahant Korba Lok Sabha Seat

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल कोरबा सीट (Korba Lok Sabha Seat) में आगामी 7 मई को मतदान होना है. तीसरे चरण के लिए होने वाले मतदान (Lok Sabha Third Phase Voting) के लिए चुनाव प्रचार 5 मई को थम जाएगा. कोरबा लोकसभा सीट में कुल 27 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है, जिसमें भाजपा (BJP) की दिग्गज प्रत्याशी सरोज पांडेय (Saroj Pandey) और कांग्रेस (Congress) प्रत्याशी तथा वर्तमान सांसद ज्योत्सना महंत (Jyotsna Mahant) के बीच में सीधा मुकाबला है. सीट में प्रत्याशियों की बढ़ी हुई तादाद वर्तमान सांसद ज्योत्स्ना महंत के लिए चिंता का कारण बनी हुई है. उन्हें अपनी सीट एवं साख बचाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

ज्योत्सना के सामने हैं ये चुनौतियां

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए ज्योत्सना महंत को सबसे पहले तो अपने पिछले कार्यकाल के कारण निष्क्रियता का आरोप झेलना पड़ रहा है. निष्क्रियता एवं परिवारवाद का आरोप पहले ही दिन से भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय लगाती आ रही है. कोरबा लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा मरवाही के लिए कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत की सांसद के रूप में कोई उपलब्धि नहीं है.

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वहीं दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे छत्तीसगढ़ में बनी नई भाजपा की सरकार के बलबूते तथा केंद्र में मोदी सरकार के बनने पर कोरबा लोकसभा क्षेत्र के गांव-गांव विकास करने का दावा करते हुए जनता के बीच जा रही है. सत्ता पक्ष की प्रत्याशी होने के कारण जहां एक ओर कोरबा लोकसभा क्षेत्र में सरोज पांडे को भारी जन समर्थन मिला हुआ है वहीं दूसरी ओर भाजपा से छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) कार्यकर्ता एवं नेताओं के तालमेल ने कांग्रेस के वोटो का समीकरण ही बिगाड़ दिया है.

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कोई प्राइवेट लिमिटेड नहीं होगा-सरोज पांडेय

लोकसभा चुनाव 2024 की कैंपेनिंग के दौरान एक खास बात यह रही कि कोरबा की भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे कार्यकर्ताओं एवं जनता के बीच जब भी संवाद किया इस बीच उन्होंने इस बात का विश्वास जनता को अवश्य दिलाया कि यदि वह चुनाव जीतती है तो उनके और जनता के बीच में कोई प्राइवेट लिमिटेड नहीं होगा. भाजपा में छजकां कार्यकर्ताओं के विलय के दौरान भी उन्होंने इस बात को दोहराया था, जिससे स्वाभाविक रूप से जनता एवं कार्यकर्ताओं का सरोज पांडे के प्रति विश्वास बढ़ा है.

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मरवाही कांग्रेस में है अंतर विरोध

ज्योत्सना महंत को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अंतर विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है. यहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप है कि स्वयं डॉक्टर चरण दास महंत एक खास व्यक्ति के अलावा मरवाही विधानसभा के कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को ठीक से पहचानते नहीं. वहीं, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक शर्मा को कार्यकारी जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने का आदेश प्रसारित होने तथा तुरंत बाद आदेश निरस्त कर देने के कारण भी गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले का कांग्रेस संगठन बिखरा बिखरा सा है.

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प्रचार में भाजपा-कांग्रेस बराबरी पर

कोरबा लोकसभा क्षेत्र में जनसभाओं के मामले में कांग्रेस और भाजपा दोनों एक दूसरे से पीछे नहीं रहे हैं, जहां एक ओर चिरमिरी में प्रियंका गांधी की सभा ने कांग्रेस में उत्साह का संचार किया है. वहीं, भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रताप नड्डा सूरजपुर में आयोजित रैली सहित अनेक दिग्गज भाजपा नेताओं की जनसभा एवं जनसंपर्क से भाजपा के माहौल को बनाए रखा है. आगामी 7 मई को कोरबा लोकसभा क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत भी जीत और हार के निर्णय को प्रभावित करेगा.

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