Murder of Mukesh Chandrakar: बस्तर (Bastar) के जाबांज पत्रकार मुकेश चंद्राकर (Mukesh Chandrakar) के मामले को लेकर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने मंगलवार को ट्वीट कर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Cm Vishnudev sai) को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराया. बघेल ने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि छत्तीसगढ़ में पत्रकार स्वर्गीय मुकेश चंद्राकर की हत्या को आज 13 दिन हो चुके हैं, लेकिन उनके परिवार को अभी तक न्याय और सहायता का इंतजार है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी, अब इस वक्त बस्तर दौरे पर हैं, लिहाजा आपसे से निवेदन है कि बस्तर में रोड शो करने से पहले स्व. मुकेश चंद्राकर के परिवार से मिलें और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दें.
अब तक कोई मदद नहीं
बघेल ने आगे लिखा कि स्व. मुकेश चंद्राकर के परिवार को अब तक किसी प्रकार की सहायता राशि, नौकरी, या सरकारी समर्थन की घोषणा नहीं की गई है. ऐसे में प्रदेश के एक जिम्मेदार मुखिया के तौर पर यह जरूरी है कि मुख्यमंत्री अपने इस दौरे पर परिवार को हर संभव मदद और समर्थन प्रदान करने की घोषणा करें.
बघेल ने दागे ये तीन सवाल
बघेल ने आगे लिखा कि प्रदेश की जनता और पत्रकार समाज को इन सवालों के उत्तर चाहिए.
- ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को करोड़ों का अग्रिम भुगतान किसने और किसके कहने पर किया?
- क्या इस भ्रष्टाचार के पीछे वही "भ्रष्ट" तंत्र है, जो सवाल उठाने वालों को ED या मौत का सामना करने पर मजबूर करता है?
- क्या ठेकेदार सुरेश चंद्राकर मुख्यमंत्री निवास पर आया था और मुख्यमंत्री से मिला था?
न्याय की मांग
बघेल ने अंत में लिखा कि छत्तीसगढ़ के नागरिक और पत्रकार समुदाय की ओर से मुख्यमंत्री से निवेदन है कि वे स्व. मुकेश चंद्राकर के परिवार से मिलें, उन्हें सांत्वना दें और इस घटना में शामिल हर दोषी को सख्त सजा दिलाने के लिए त्वरित कदम उठाए. स्व. मुकेश चंद्राकर को न्याय देना सिर्फ एक परिवार की नहीं, पूरे समाज की अपेक्षा है.
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आपको बता दें बीजापुर के जाबांज पत्रकार मुकेश चंद्राकर को सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली रिपोर्टिंग के बाद इलाके के ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने उन्हें मौत के घाट उतारने के बाद सेप्टिक टैंक में शव छुपा दिया था, जिसे दो दिन की जद्दोजहद के बाद एसआईटी की टीम ने ढूंढने के साथ ही आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया था. गौरतलब है कि ये इस मुद्दे को लेकर देश भर के पत्रकारों में भारी आक्रोश है.
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