Community Health Officer in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लोकसभा चुनाव के बाद अब हड़ताल का सिलसिला शुरू हो गया है. कोंडागांव और सुकमा में प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (Community Health Officer) अनिश्चितकालीन हड़ताल (strike) पर चले गए हैं. कर्मचारियों के हड़ताल पर होने की वजह से स्वास्थ्य केंद्र में होने वाले ऑनलाइन कार्य दिनभर प्रभावित रहे. डेली रिपोर्टिंग, वैलनेस रिपोर्टिंग, आईडीएसपी,ई-संजीवनी, एनसीडी हेल्थ मेला प्लानिंग समेत अन्य कार्य के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
ये हैं तीन बड़ी मांगें
संघ के सुकमा जिला अध्यक्ष महेंद्र कुर्रे ने बताया कि उनकी तीन प्रमुख मांग हैं, जिसमें गृह जिले में स्थानांतरण नियम, 8 किमी मुख्यालय निवास की अनुमति, कांकेर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को बर्खास्त किया गया है, उसकी बहाली किया जाए. कार्य आधारित वेतन (PLP) 15 तारीख के भीतर भुगतान का आदेश है, इसके बाद भी राशि नहीं दी गई है.
अमानवीय व्यवहार पर रोक की मांग
कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे, जिसके लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों ने खेद व्यक्त किया है. इसके साथ ही कर्मचारियों ने बताया की महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ कई बार अमानवीय व्यवहार भी किया जाता है, जिस पर रोक लगाने की मांग भी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने की.
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कोंडागांव में भी जारी हड़ताल
प्रदेश स्वास्थ्य अधिकारी संघ के आवाहन पर डीएनके मैदान पर कोंडागांव जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गये हैं. इनकी मांग है कि लंबित कार्य आधारित मानदेय और शासन द्वारा निर्देशानुसार प्रति माह 15 तारीख से पहले से भुगतान, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को स्थानांतरण और मुख्यालय से 8 किलोमीटर के दायरे में रहने का लाभ और कांकेर जिला संयोजक पवन वर्मा की बहाली की मांग शामिल है.
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ के अध्यक्ष दीपक वर्मा ने बताया कि जब तक इनकी मांगें पूरी नहीं होती है, तब तक हड़ताल जारी रहेगा. गौरतलब है कि जिले में 138 उप स्वास्थ्य केंद्र है. इनके हड़ताल पर चले जाने से उप स्वास्थ्य केंद्रों में टीकाकरण,आयुष्मान कार्ड , सिकलिंग जांच , बीपी शुगर जांच, मौसमी बीमारी में दवा देना आदि प्रभावित हो जायेगा.
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