ग्राउंड रिपोर्ट: पिटने वाला जेल में, पीटने वाले बाहर... भड़काऊ पोस्ट के बाद क्या है सिनोधा गांव का माहौल?

3 हजार आबादी वाले सिनोधा गांव में भगवा और हरे रंग का झंडा एक साथ लहरा रहा है. गांव के करीब 2800 हिंदू और 200 मुस्लिम समुदाय के लोग एक दूसरे के साथ शांति और सौहार्द के साथ रहना चाहते हैं, लेकिन मामले में एकतरफा कार्रवाई से एक समुदाय के भीतर खुद की सुरक्षा की चिंता भी दिखती है.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
रायपुर के सिनौधा गांव से ग्राउंड रिपोर्ट

Sinodha Ground Report: रामलला प्राण प्रतिष्ठा के आसपास सोशल मीडिया पर कथित तौर पर धार्मिक उन्माद फैलाने के मकसद से किए गए पोस्ट को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस एक्शन मोड में है. रायपुर, दुर्ग, खैरागढ़ समेत अलग-अलग जिलों में 5 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. सबसे ज्यादा हंगामा रायपुर के तिल्दा-नेवरा थाना क्षेत्र के सिनोधा गांव में मचा. थाना परिसर में ही एक मौलाना की पिटाई कर दी गई. एक युवक को गांव से बेदखल करने की मांग की जा रही है. जो मौलाना पिटे उनके खिलाफ मामला दर्ज हो गया, वह जेल में है लेकिन जिन लोगों ने पिटाई की उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. 

22 साल के मौलाना अशगर रजा को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जिले के तिल्दा-नेवरा थाना परिसर में ही भीड़ ने बेरहमी से मारा. उसके बाद भी मौलाना के खिलाफ एफआईआर हो गई. अशगर अली की पत्नी इमराना ने कहा, 'मेरे शौहर बेगुनाह हैं, फिर भी उन्हें बजरंग दल के लोगों ने थाना परिसर में ही मारा.'

Advertisement

यह भी पढ़ें : Panna: तेलंगाना से मुक्त हुए पन्ना के 14 मजदूर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने पीड़ितों को ऐसे छुड़ाया 

Advertisement

थाना परिसर में ही भीड़ ने की पिटाई

23 जनवरी को सिनोधा गांव में एक नाबालिग के सोशल मीडिया से कथित तौर पर विवादित पोस्ट किए गए जिसका कुछ हिन्दूवादी संगठनों ने विरोध किया. 24 जनवरी को भीड़ ने पुलिस से पहले खुद कार्रवाई कर दी. गांव में संचालित मदरसे के मौलाना अशगर रजा, इब्राहिम खान और मिर्जा ताहिर बेग को पुलिस थाने लेकर पहुंची तो भीड़ ने थाना परिसर में ही उनकी पिटाई कर दी. पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली धाराओं में एफआईआर दर्ज की और तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया. नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजा गया है.

Advertisement

आरोपी ताहिर बेग की मां जमीर बी ने कहा, 'हमारे घर पुलिस नहीं आई थी. कुछ लोग आए मेरे बेटे को लेकर गए और बाद में वहीं से गिरफ्तार कर लिया गया, हमें जानकारी तक नहीं थी.' आरोपी इब्राहिम की पत्नी शबीर-उ-निशा ने कहा, 'उसे जबरदस्ती गाड़ी में लाया गया. उसका कोई गुनाह नहीं था, फिर भी उसे ले आए. बजरंग दल के लोग जबरदस्ती उसको लेकर गए, उसके साथ मारपीट की और अंदर भी करवा दिया. हमें इंसाफ चाहिए.'

मौलाना पर लगे माहौल खराब करने के आरोप

शिकायतकर्ता बृजलाल वर्मा ने कहा, 'सोशल मीडिया पर अपशब्द लिखे गए थे. हिंदू सेना और बजरंग दल को जब इसका पता चला तो हंगामा हुआ. हम लोग भी थाना गए.' उन्होंने कहा, 'मौलाना जब से यहां आया है, तब से गांव का माहौल खराब कर रहा है.' करीब 50 सालों से एक दूसरे के साथ अमन और शांति के साथ सिनोधा गांव में रह रहे हिंदू-मुस्लिम परिवारों के बीच मनमुटाव सिर्फ विवादित पोस्ट से हुआ हो, ऐसा नहीं है. पिछले करीब 2 साल से कभी अजान की आवाज तो कभी एक-दूसरे को लेकर टिप्पणियों से मनमुटाव होता रहा है.

एकतरफा कार्रवाई से मुस्लिम समुदाय में नाराजगी

गांव के ही इस्ताक खान ने बताया, 'एक साल पहले भी अजान को लेकर आपत्ति की गई थी. उसे लेकर सामाजिक बैठक भी की गई थी. तब बात हुई थी कि एक दूसरे के साथ मिलकर रहेंगे.' एक दूसरे ग्रामीण राजेन्द्र वर्मा ने बताया, 'हम लोग एक दूसरे के त्योहार में जाते थे. हम उनके कार्यक्रमों में नाचते कूदते थे. लेकिन गांव में जब से नया मौलाना और इब्राहिम आए हैं, तब से ही माहौल खराब हुआ है.'

अशगर, इब्राहिम और ताहिर पर आरोप हैं कि उन्होंने गांव का माहौल खराब करने की कोशिश की लेकिन बगैर किसी ठोस जांच के तीन लोगों की गिरफ्तारी से मुस्लिम समुदाय के लोगों में नाराजगी है. इस्ताख खान ने कहा, 'बच्चे ने गलत किया तो उसे पकड़े, उसके साथ जो करना है, करें, लेकिन मौलाना और अन्य लोगों को जबरदस्ती पकड़ लिया. मौलाना के साथ मारपीट हुई. उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. एकतरफा कार्रवाई हुई है.'

क्या बोले आरोपियों के परिवारवाले?

आरोपी ताहिर के बेटे वशिम बेग ने कहा, 'इमाम, हमारे अब्बू और एक को जबरदस्ती ले गए. वहां ले जाकर उनके साथ मारपीट की गई. उनके ऊपर जबरदस्ती रिपोर्ट दर्ज करा दी गई.' आरोपी इब्राहिम की पत्नी ने कहा, 'मेरे पति को इंसाफ मिलना चाहिए, जबरदस्ती उसको फंसाया जा रहा है.' ताहिर की पत्नी आशियाना बी ने कहा, 'मेरे पति को बे-फजूल फंसाया गया है. गांव और बजरंग दल वालों ने फंसाया है. मेरा पति बेकसूर है.'

गांव में 2800 हिंदू और 200 मुस्लिम

थाना परिसर में मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. अशगर ने इसकी लिखित शिकायत तिल्दा थाने में दी. चेहरे सामने हैं लेकिन पुलिस की फाइल में मामला अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज है. अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई. 3 हजार आबादी वाले सिनोधा गांव में भगवा और हरे रंग का झंडा एक साथ लहरा रहा है. गांव के करीब 2800 हिंदू और 200 मुस्लिम समुदाय के लोग एक दूसरे के साथ शांति और सौहार्द के साथ रहना चाहते हैं, लेकिन मामले में एकतरफा कार्रवाई से एक समुदाय के भीतर खुद की सुरक्षा की चिंता भी दिखती है. भीड़ तंत्र द्वारा सड़क पर ही फैसला करने की कोशिश से लोगों में नाराजगी भी है.

यह भी पढ़ें : Gwalior में पूरे परिवार ने की सामूहिक आत्महत्या, सुसाइड नोट में बताई ये वजह

'हम मिलजुल कर रहना चाहते हैं'

गांव में रहने वाले बुजुर्ग हर्जल बी कहते हैं, 'हम गांव में 50 सालों से रह रहे हैं. आज तक कभी ऐसा कुछ नहीं हुआ. हम एक दूसरे के साथ मिलकर रहना चाहते हैं. अभी कोई दिक्कत नहीं है.' मरियम बी कहती हैं, 'हम गांव में कई सालों से रह रहे हैं, हमें कोई दिक्कत नहीं है, जिसने गलती की है, उस पर कार्रवाई हो, लेकिन जबरदस्ती किसी को ना परेशान किया जाए. हम एक-दूसरे के साथ अच्छे से रह रहे हैं.' वहीं ताहिर बेग कहते हैं, 'हमें गांव में कोई दिक्कत नहीं है. हम एक साथ मिलजुल कर रहना चाहते हैं. जिसने गलत किया है, उसको सजा मिले, लेकिन जो बेगुनाह है, उसे परेशान न किया जाए.' सरपंच लक्ष्मण गिरी ने कहा, 'मेरे जानते तक गांव में ऐसा माहौल नहीं हुआ था. हम घटना को तूल नहीं देना चाहते. हम चाहते हैं कि हमारा गांव शांति से रहे.'