CG Primary School: भ्रष्ट डकार गए 15 करोड़ रुपये, स्कूल भवन हुआ जर्जर, पेड़ के साए में पढ़ने को मजबूर हुए मासूम

CG Government School in Bad Condition: सक्ती जिले में एक आश्रित गांव के प्राइमरी स्कूल की हालत बहुत खराब है. हालत ये है कि यहां बच्चों को स्कूल भवन के बाहर पेड़ की छांव में बैठकर शिक्षा ग्रहण करना पड़ता है. मध्याह्न भोजन भी स्कूल की किचन के बाहर बनाने के लिए महिलाएं मजबूर हैं. आइए आपको इस स्कूल की पूरी स्थिति और शिक्षा अधिकारी की इस मुद्दे पर बयान के बारे में बताते हैं.

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बूरी तरह से जर्जर हो गई सरकारी प्राइमरी स्कूल

Sakti Government Primary School: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सक्ती जिले के जैजैपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत किकिरदा के आश्रित ग्राम कटही के प्राइमरी स्कूल (Government Primary School) अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है... यहां प्राथमिक शाला का भवन बहुत जर्जर हो चुका है. हालत इतनी खराब है कि यहां हर रोज पलास्टर गिर रहा है. इसलिए बच्चे स्कूल भवन में नहीं, बल्कि पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. यहां बने भवन लगभग 40 वर्ष पुराने है. शिक्षा विभाग (Education Department) के अधिकारियों की उदासीनता के चलते छोटे बच्चों को परेशानी हो रही है.

राज्य सरकार एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल भवन का निर्माण कराया जाता है, जिसके लिए स्कूल जतन योजना एवं समग्र शिक्षा योजना संचालित किया जा रहा हैं. लेकिन, इसके विपरीत जैजैपुर विकासखंड के ग्राम कटही में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला भवन बदहाल हो गया है. अनेक योजनाओं के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों-करोड़ों रुपये फूंक दिए जाते हैं.

मध्याह्न का भोजन बन रहा खुले में

इस प्राइमरी स्कूल के किचन की महिलाएं मध्याह्न भोजन के बाहर में ही खाना बनाने को मजबूर है. शासकीय प्राथमिक शाला कटही का पुराना स्कूल भवन की हालत किसी खंडहर की तरह होती जा रही है. यहां पढ़ रहे छोटे-छोटे बच्चे बरसात में भी पेड़ की छाया में पढ़ाई करने को मजबूर है. यह भवन कभी भी धराशायी हो सकता है. भवन का प्लास्टर उखड़ कर पूरा गिर गया है. सरिया और छड़ पूरा दिख रहा है, वहीं लेंटर गिरने के कगार पर है. यहां पढ़ने वाले बच्चे इस जर्जर भवन में अपने-अपने भविष्य का निर्माण करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि जर्जर भवन के बारे में शिक्षा विभाग के अलावा जिला के मुखिया कलेक्टर को लिखित में अवगत कराया जा चुका है. 

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पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं छोटे बच्चे

कमीशन के खेल में अटक रहा मामला

सक्ती जिले के जैजैपुर ब्लॉक के विभिन्न स्कूलों में वर्ष 2023-24 में कुल 191 अतिरिक्त कमरे और मरम्मत के लिए निर्माण कार्यों के लिए 15 करोड़ 41 लाख 37 हजार रुपये स्वीकृत किया गया है. इन अतिरिक्त कमरों के निर्माण के कमीशन के खेल में डूबे अधिकारियों ने ऐसे स्कूलों में भी भवन स्वीकृत कर दिए, जहां जरूरत ही नही हैं. यही कारण है कि जहां जरूरत है वहां भवन बना ही नहीं और पैसे भी खत्म हो गए हैं.

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नहीं हो सका नए भवन का निर्माण

यहां पर पिछले 40 सालों में नए भवन का निर्माण नहीं हो सका है. मध्यवर्गीय परिवार के बच्चे दूसरे जगह जाकर पढ़ रहे हैं, लेकिन गरीब परिवार के बच्चे दूसरे स्कूल नहीं जा पाने के कारण यहां पर मजबूरी में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. आम लोगों के मुताबिक विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण ही स्कूल की ऐसी हालत हुई है. पालक अब अपने बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाह रहे हैं. दूसरी ओर, सरकार दावा कर रही है कि सभी जगह शाला भवन है. शिक्षकों और ग्रामीणों ने आला अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों से कई बार नए भवन की मांग की है. लेकिन, इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

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जिला शिक्षा अधिकारी ने कही ये बात

सक्ती जिले के शिक्षा अधिकारी एन.पी.चंद्रा से जब इस भवन की हालत को लेकर सवाल किए गए, तो उनका कहना था, 'भवन अति जर्जर है. नए भवन की आवश्क्ता है. इससे संबंधित एस्टिमेट हमारे पास आ गए हैं. हमारी प्राथमिकता है कि वहां जल्द से जल्द से भवन का निर्माण कर दिया जाए. जब तक भवन का निर्माण पूरा नहीं हो जाता है, तब तक आसपास के शाला में उनकी व्यवस्था करने के लिए बीओ का निर्देश कर दिया है. मामले में सारी जानकारी कलेक्टर को भी दे दी गई है.'

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