PM आवास योजना के तहत बनने थे 6,379 मकान, जमीन पर सिर्फ 1,459, कहां गुम हो गए 4920 मकान?

Missing House: दरअसल, PM आवास योजना के तहत साल 2024-25 में 6,379 मकान स्वीकृत हुए थे. लेकिन सालों बाद भी गरीबों को पक्के घर का सपना अधूरा है. गरीब आज भी अधूरे मकानों और टूटे वादों के बीच जीने को मजबूर हैं. मामला तब बिगड़ा जब स्वीकृत 6,379 मकानों में से 4920 मिसिंग हैं. 

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Gariyaband collector took action against 4920 missing houses

PM Awas yojna: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत गरीबों के लिए बनने वाले मकानों में से 4920 मकान गुम हो गए हैं. कागजों में निर्मित 4920 मकानों को लेकर जिला कलेक्टर ने मंगलवार को समीक्षा बैठक की तो उनके होश उड़ गए. कलेक्टर ने स्वीकृत 6,379 मकानों को लेकर अधिकारियों से जवाब मांगा है.

दरअसल, PM आवास योजना के तहत साल 2024-25 में 6,379 मकान स्वीकृत हुए थे. लेकिन सालों बाद भी गरीबों को पक्के घर का सपना अधूरा है. गरीब आज भी अधूरे मकानों और टूटे वादों के बीच जीने को मजबूर हैं. मामला तब बिगड़ा जब स्वीकृत 6,379 मकानों में से 4920 मिसिंग हैं. 

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स्वीकृत मकानों की समीक्षा करने पहुंचे कलेक्टर

रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को कलेक्टर बी.एस. उइके जिले के छुरा ब्लॉक के लिए स्वीकृत 6,379 मकानों की पड़ताल के लिए पहुंचे और अधिकारियों से मिसिंग 4920 मकानों को लेकर सीधे सवाल पूछे. कलेक्टर के तीखे सवाल पर समीक्षा बैठक में उन परिवारों की आवाज़ थी जो हर बारिश में भीगते हैं, हर गर्मी में झुलसते हैं और हर सर्दी में ठिठुरते हैं.

किसकी है लापरवाही, किसकी है जिम्मेदारी?

कलेक्टर ने पाया कि 2024-25 में स्वीकृत 6,379 मकानों में से केवल 1,459 ही पूरे हो सके हैं, जबकि बाकी 4920 मकान या तो आधे-अधूरे हैं या शुरू ही नहीं हो पाए हैं. अब इस लापरवाही की जिम्मेदारी तय की जा रही है. कलेक्टर ने मिसिंग 4920 मकानों के लिए 22 पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक, रोजगार सहायक व समन्वयक से जवाब तलब किया है.

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छुरा ब्लॉक के मेढ़कीडबरी की प्रधानमंत्री आवास योजना की हितग्राही एक वृद्ध महिला ने बताया  कि कागजों में उसका पक्का मकान तो बनकर तैयार हो गया है, लेकिन रहने के लिए अभी भी उसके सिर के ऊपर छप्पर वाला मकान ही है. 

मकान निर्माण में तेजी लाने के दिए निर्देश

अधिकारियों के कामकाज से नाराज कलेक्टर बी.एस. उइके ने न सिर्फ काम में तेजी लाने के निर्देश दिए, बल्कि स्पष्ट कर दिया कि सर्वे, किश्त वितरण और जिओ टैगिंग में अगर किसी भी तरह की गड़बड़ी पाई गई तो दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि हितग्राहियों को अब और इंतजार नहीं करवाया जाएगा.

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योजना का ज़मीन पर परिणाम कब?

गौरतलब है प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं अगर ज़मीनी हकीकत से दूर हों, तो उसका मकसद ही खो जाता है. गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक में स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाली मकानों की समीक्षा बैठक एक संकेत है  कि अब केवल आंकड़े नहीं, असल छत ही मानक होगी.

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