Gariaband: साढ़े तीन लाख रुपये लेकर दिलाई फर्जी नौकरी, खुलासा होने पर आग लगाकर की खुदकुशी, जानें क्या है मामला

Chhattisgarh News: गरियाबंद जिले से रूह कंपाने वाला मामला सामने आया है. यहां फर्जीवाड़े में लिप्त एक युवक ने मामले का खुलासा होने के बाद खुद पर केरोसिन डालकर ज़िंदा जला लिया. अस्पताल ले जाने के बाद इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Gariaband Latest News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) में स्टाफ नर्स के पद पर फर्जी नियुक्ति (fake appointment) का भंडा फोड़ होते ही संलिप्त युवक ने खुद पर केरोसिन डालकर ज़िंदा जला दिया. घटना के बाद परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया. युवक 80 फीसदी जल चुका है. प्राथमिक उपचार के बाद इसे रायपुर रेफर किया गया, लेकिन यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. युवक के मौत की पुष्टि SDOP पुष्पेंद्र नायक ने की है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. दरअसल, इस फर्जी नियुक्ति मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं. 

एक दिन पहले हुआ था भंडाफोड़ 

जिले के गोलमाल की रहने वाली नील किशोरी सोनवानी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में स्टाफ नर्स की नियुक्ति की जॉइनिंग लेटर लेकर देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी. पहुंचने के बाद पता चला कि उसकी जॉइनिंग लेटर फर्जी है. लेटर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO ) का साइन ही नहीं था. अस्पताल प्रबंधन ने लेटर के फर्जी होने की पुष्टि कर दी, तो युवती अपने पिता के साथ देवभोग पुलिस थाना पहुंच गई. दो घंटे बाद युवती बगैर शिकायत वापस लौट गई. युवती ने इस नियुक्ति के लिए दो किस्तों में साढ़े 3 लाख रुपये नगद दिए थे. बताया गया कि इस बीच फर्जी नियुक्ति में शामिल हरीश ने लिए गए रुपये को वापस करने का भरोसा दिया था, जिसके बाद बगैर शिकायत किए युवती वापस लौट गई.

Advertisement

ये भी पढ़ें Chhattisgarh : "महतारी वंदन योजना" के आंकड़े जारी कर खुद फंसी सरकार, कांग्रेस ने भी घेरा, जानिए- क्या है पूरा मामला

Advertisement

CMHO दफ्तर की भूमिका संदिग्ध

इधर, देवभोग के BMO सुनील रेड्डी को इस फर्जीवाड़े का पता चला, तो उसने CMHO को इसकी सूचना दी. बुधवार की देर शाम होते तक फर्जी नियुक्ति मामले में सीएमएचओ दफ्तर में हड़कंप मचा हुआ था. फर्जीवाड़े के जानकारी मिलते ही विभाग किसी प्रकार का एक्शन लेने के बजाए एक तरफा मामले को दबाने में जुटा हुआ दिखाई दिया. वहीं, दूसरी तरफ हरीश वैष्णव के घर में कर्मचारियों को भेजकर बवाल कराने से भी गुरेज भी नहीं किया. बताया जाता है कि मृतक वैष्णव का एक पड़ोसी सीएमएचओ दफ्तर में ऑपरेटर का काम करता है. उसी के साथ मिल कर फर्जीवाड़े का यह खेल खेला गया था. जानकारी के मुताबिक़ इस तरह की कई फर्जी नियुक्तियां हुई हैं अब इसकी जांच स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही है. अब युवक की आत्महत्या के बाद पुलिस भी हर पहलू की जांच बारीकी से कर रही है. मामले का खुलासा होने के बाद और भी नाम सामने आ सकते हैं. 

Advertisement

ये भी पढ़ें Chhattisgarh : दो राज्यों के बॉर्डर पर उत्पात मचाने वाले 6 नक्सलियों को पुलिस ने दबोचा, पूछताछ में कई राज उगले