Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना में लापरवाही अब जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों को भारी पड़ रही है. गरियाबंद कलेक्टर बी.एस.उइके ने इस योजना में गड़बड़ियों पर सीधे एक्शन मोड में आते हुए जिलेभर में नोटिस, निलंबन और सेवा समाप्ति जैसी कड़ी कार्रवाइयों की झड़ी लगा दी है. इसके बाद हड़कंप मच गया है.
कलेक्टर बी.एस.उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. चाहे वो जनपद सीईओ हो या पंचायत सचिव, सबकी जवाबदेही तय की जाएगी.
इन अफसरों को मिला नोटिस
जनपद सीईओ से देवभोग, छुरा और फिंगेश्वर के सीईओ को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. देवभोग के सीईओ रवि सोनवानी पर आरोप है कि उन्होंने बोगस जीओ टैगिंग जैसे गंभीर मामले की मॉनिटरिंग में लापरवाही बरती. छुरा के सीईओ सतीश चंद्रवंशी पर पीएम आवास सर्वेक्षण में अनदेखी और सोरिदखुर्द में अवैध वसूली पर चुप्पी साधने का आरोप है. वहीं फिंगेश्वर के सीईओ स्वप्निल ध्रुव ने तो शिकायत की जांच ही अधूरी कर दी और ऊपर से रिपोर्ट में गोलमोल बातों के साथ सचिव व रोजगार सहायक का ट्रांसफर प्रपोज कर दिया. नतीजतन उन्हें भी नोटिस दिया गया है.
योजना में फर्जी जीओ टैगिंग की शिकायत सामने आते ही देवभोग ब्लॉक में तीन आवास मित्रों भूवनलाल नागेश, प्रदीप और पूर्णिमा को तत्काल सेवा से हटा दिया गया.
साथ ही विकासखंड समन्वयक विकास द्विवेदी और झाखरपारा पंचायत सचिव अर्जुन नायक को भी दो दिन में जवाब देने का फरमान सुनाया गया है. जांच में पाया गया कि रिपोर्ट और मौके की स्थिति में जमीन-आसमान का फर्क है. इधर सोरिदखुर्द पंचायत में तो कहानी और भी चौंकाने वाली निकली. रोजगार सहायक कमलेश्वरी सिन्हा और मेट अमित कुमार उर्फ राजू ने आवास प्लस सर्वे के नाम पर सौ-सौ रुपए की वसूली कर डाली. ग्रामीणों ने शिकायत की तो इसकी जांच हुई और दोनों को हटाने के आदेश भी जारी कर दिए गए. वहीं सरपंच चन्द्रहास बरिहा को भी कारण बताओ नोटिस पकड़ाया गया.
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