तीन - चार महीने की मेहनत, 300 से 30 हजार तक कीमत... कुम्हार परिवार तैयार कर रहे खास गणेश भगवान की मूर्तियां

Ganesh Chaturthi 2025 Date: धमतरी जिले में कुम्हार परिवारों ने तीन - चार महीने पहले से ही गणेश चतुर्थी को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. भगवान गणेश की आकर्षक और खास मूर्ति तैयार करने में पूरा परिवार लगा हुआ है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
गणेश जी की मूर्ति बनाने के काम में कुम्हार का पूरा परिवार शामिल

Lord Ganesh Murti Rates: गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025) कुछ ही दिनों में आने वाला है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कई जिलों से साथ धमतरी (Dhamtari) में भी गणेश चतुर्थी के पर्व को लेकर कुम्हार परिवार कुम्हारपारा में काफी संख्या में मिट्टी से गणेश जी की मूर्तियां बना रहे हैं. कुम्हारों के घर में सभी लोग एक साथ मिलकर मूर्तियों को बनाने में जुटे हुए हैं. तीन - चार महीने पहले से शुरू हुए काम को अब फाइनल टच दिया जा रहा है. इन छोटी और बड़ी मूर्तियों की कीमत 300 से लेकर 30 हजार रुपये तक की भी है.

धमतरी में गणेश जी की मूर्ति बनाने का काम

हर साइज और हर कीमत की गणेश जी की मूर्ति

कुम्हार परिवारों ने धमतरी में 300 रुपये से लेकर 30 - 40 हजार रुपये तक के रेंज में मूर्तियां तैयार की हैं. इनमें 10 से 15 फिट और 20 फिट तक के साइज की भी मूर्तियां बनाई गई हैं. जिले के कई वार्ड के समितियों ने भी मूर्तिकारों को ऑर्डर दिया है.

धमतरी में गणेश जी की मूर्ति बनाने का काम

पर्यावरण के अनुसार रंग

कुम्हारों ने बताया कि मूर्तियों में नॉर्मल रंग ही उपयोग किया जा रहा है. इससे पानी में मूर्तियां घुल सकती हैं. कोई भी ऐसे कलर का उपयोग नहीं किया जा रहा है, जो पर्यावरण और वातावरण को प्रदूषित करें.

धमतरी में गणेश जी की मूर्ति बनाने का काम

ये भी पढ़ें :- Mauganj News: मौसी के घर रक्षाबंधन मनाने गया था 15 साल का मासूम, पनीगवां नदी में डूबने से हुई मौत

Advertisement

पुजारी ने दी जानकारी

धमतरी गणेश मंदिर के पुजारी होमन प्रसाद शास्त्री ने बताया कि 27 अगस्त 2025 को भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी की मूर्ति की स्थापना लोगों के घरों में और वार्ड भर के पंडालों में किया जाना है. घरों में भगवान गणेश की मूर्ति विराजमान करने की महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए पुजारी ने बताया कि गणेश जी को विधि विधान के साथ घर पर पंडालून पर विराजमान किया जाता है और इनकी 11 दिन तक पूजा होती है. इसके बाद विधि विधान के साथ हवन पूजन के साथ उनका विसर्जन किया जाता है.

ये भी पढ़ें :- MP News: मुकुंदपुर टाइगर रिजर्व का बदलने वाला है पता, इस जिले के 6 गांवों को रीवा में शामिल करने की तैयारी

Advertisement