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Gajrath Yatra: छत्तीसगढ़ में ‘गजरथ यात्रा’ की शुरुआत, मानव-हाथी के बीच टकराव को रोकने की अनूठी पहल

Chhattisgarh Gajrath Yatra: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जशपुर के रणजीता स्टेडियम परिसर में आयोजित कार्यक्रम में हरी झंडी दिखाकर ‘गजरथ यात्रा’ का शुभारंभ किया. यह अनूठी पहल मानव-हाथी के बीच संघर्ष को कम करने और वन्यजीव संरक्षण के लिए जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुरू की गई है.

Gajrath Yatra: छत्तीसगढ़ में ‘गजरथ यात्रा’ की शुरुआत, मानव-हाथी के बीच टकराव को रोकने की अनूठी पहल

Gajrath Yatra in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में मानव-हाथी के बीच संघर्ष को कम करने और वन्यजीव संरक्षण के लिए जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शनिवार को 'गजरथ यात्रा' की शुरुआत की. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने आज जशपुर के रणजीता स्टेडियम परिसर में आयोजित कार्यक्रम में 'गजरथ यात्रा' को हरी झंडी दिखाई.

छत्तीसगढ़ में 'गजरथ यात्रा' की शुरुआत

उन्होंने बताया कि गजरथ यात्रा छत्तीसगढ़ में मानव-हाथी द्वंद को कम करने और वन्यजीव संरक्षण के लिए जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुरू की गई है. अधिकारियों ने बताया कि इस यात्रा के माध्यम से स्कूलों, ग्राम पंचायतों और हाट-बाजारों में पहुंचकर हाथियों के व्यवहार, सुरक्षा उपायों और सह-अस्तित्व का संदेश जन-जन तक पहुंचाया जाएगा.

मानव-हाथी के बीच संघर्ष कम करने के लिए अनूठी पहल

मुख्यमंत्री ने यात्रा को शुरू करते हुए कहा, 'मानव और हाथियों के बीच बढ़ते टकराव को कम करने के लिए सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता अत्यंत आवश्यक है. 'गजरथ यात्रा' इस दिशा में एक सार्थक माध्यम बनेगी, जो लोगों को शिक्षित कर मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में सहायक होगी.' साय ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की ही नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है.

उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और जागरूकता अभियानों की जानकारी दी, जो सतत विकास और हरित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहायक है.

अधिकारियों ने बताया कि 'गजरथ यात्रा' राज्य सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो सतत विकास, जैव विविधता संरक्षण और स्थानीय समुदायों की सहभागिता के माध्यम से वन्यजीवों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर वन विभाग द्वारा तैयार लघु फिल्म और पुस्तिका का विमोचन भी किया, जिसमें हाथियों से संबंधित सावधानियां, उनके व्यवहार को समझने और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी गई है. यह सामग्री स्कूली बच्चों, ग्रामीणों और स्थानीय समुदायों में वितरित की जाएगी.

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में वन विभाग के उन कर्मचारियों को भी सम्मानित किया, जिन्होंने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है.

छत्तीसगढ़ के उत्तर क्षेत्र के जिलों सरगुजा, जशपुर, बलरामपुर, कोरिया और कोरबा के साथ-साथ राज्य के अन्य सीमावर्ती जिलों में अक्सर मानव-हाथी द्वंद की घटनाएं होती रहती है. इन घटनाओं में राज्य में सैकड़ों लोगों की जान गई है और हजारों एकड़ फसलों को नुकसान पहुंचा है. वहीं कई हाथियों की भी मृत्यु हुई है.

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