NEET Exam में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, गलत पेपर देने पर अभिभावकों ने किया जमकर हंगामा, जिम्मेदारों पर हुई ऐसी कार्रवाई

Wrong Paper in NEET: जहां प्रदेश के बालोद जिले में पहली बार अभ्यर्थियों ने नीट की परीक्षा दी, वहीं इस परीक्षा में इनका पेपर ही बदल दिया गया. इसको लेकर जमकर हंगामा हुआ...

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अभिभावकों ने किया परीक्षा केंद्र पर प्रदर्शन

NEET Exam in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बालोद (Balod) जिले में पहली बार मेडिकल इंटरेंस एग्जाम (NEET) की परीक्षा आयोजित की गई. जिले के दो सेंटर पर कुल 405 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दिया. लेकिन, इस परीक्षा को लेकर बड़ी चूक सामने आई. दरअसल, दोनों सेंटरों पर परीक्षा के प्रश्न पत्र ही बदल दिए गए. इसको लेकर अभिभावकों (Parents) और परीक्षार्थियों (Examiners) ने जमकर हंगामा किया. हालांकि बाद में मामले को लेकर सोमवार को सेंटर इंचार्ज ने अपनी गलती मान ली और कलेक्टर को माफीनामा पत्र लिखा.

परीक्षार्थियों ने बताया अपना दर्द

नीट की परीक्षा में गलत पेपर देने के मामले में अभिभावकों और परीक्षार्थियों का गुस्सा और दर्द चलका. जहां अभिभावक पूरे प्रकरण को लेकर परीक्षा केंद्र पर हंगामा करते नजर आए, वहीं परीक्षार्थियों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि नीट की परीक्षा में उन्हें गलत पेपर दिया गया. वह भी समय पर नहीं मिला और परीक्षा शुरू होने के 45 मिनट बाद मिला. लेट पेपर देने के बाद भी उन्हें परीक्षा देने के लिए एक्स्ट्रा समय नहीं दिया गया. उन्होंने दोबारा परीक्षा कराने की मांग की.

ये भी पढ़ें :- Lok Sabha Election: तीसरे चरण के चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की Press Conference, सुरक्षा को लेकर किए गए हैं ये खास इंतजाम

सेंटर सुपरिटेंडेंट ने लिखा पत्र

नीट परीक्षा आयोजित कराने के लिए बनाए गए एग्जाम सेंटर के सेंटर सुपरिटेंडेंट ने मामले को लेकर जिला कलेक्टर को एक पत्र लिखा. इसमें उन्होंने अपनी गलती मान ली. इसको लेकर एक खास जांच टीम भी गठित की गई है. अभिभावकों की मांग को लेकर विधायक संगीत सिंहा ने कलेक्टर से मुलाकात की. मामले को लेकर सेंटर सुपरिटेंडेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की जा रही है. 

Advertisement

स्वास्थ्य मंत्री ने कही ये बात

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने नीट परीक्षा विवाद को लेकर कहा कि अभी आदर्श आचार संहिता लागू है. किन कारणों से पेपर बदला गया इसकी मॉनिटरिंग अभी हम नहीं करा सकते. अभ्यर्थियों को 45 मिनट अतिरिक्त समय दिया जाना चाहिए था. क्यों नहीं दिया गया इसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद सरकार मामले की जांच कराएगी.

ये भी पढ़ें :- Indore Lok Sabha Seat: कांग्रेस के 'नोटा' मुहिम के बाद इंदौर में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने में जुटी बीजेपी, हुई हाईलेवल मीटिंग

Advertisement
Topics mentioned in this article