Crime: करोड़ों के गबन में शामिल चार आरोपी गिरफ्तार, महिला समूहों को बनाया था ऐसे निशाना 

Chhattisgarh: कोरिया जिला पुलिस ने करोड़ों के घोटाले में शामिल आरोपियों को पकड़ लिया. जांच के बाद पुलिस ने पाया कि मामले में स्पंदन स्पूर्ति फाइनेंशियल लिमिटेड शाखा बैकुंठपुर के पूर्व शाखा प्रबंधक को दोषी पाया.

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Koriya News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरिया (Koriya) जिले के सिटी कोतवाली बैकुंठपुर पुलिस (Baikunthpur Police) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों के गबन में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया. स्पंदन स्पूर्ति घोटाले मामले में 24 घंटे के अंदर एक करोड़ 63 लाख की ठगी के मास्टर माइंड को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने नील कमल राय और उसकी पत्नी सुनीता सिंह बैकुंठपुर, दिलकश कादरी शंकरगढ़ और सुनील साहू महोरा को गिरफ्तार कर लिया. फाइनेंशियल लिमिटेड बैकुंठपुर के शाखा प्रबंधक संजू कुमार तिर्की ने कोतवाली में सूचना दी थी कि पूर्व शाखा प्रबंधक दिलकश कादरी और दो अन्य लोगों ने महिला हितग्राही लोन राशि एक करोड़ 63 लाख 81 हजार रुपये का गबन और ठगी की गई है. 

पुलिस ने की गहराई से जांच

शाखा प्रबंधक के शिकायत पर मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की. जांच के दौरान यह पाया गया कि स्पंदन स्पूर्ति फाइनेंशियल लिमिटेड शाखा बैकुंठपुर में पूर्व शाखा प्रबंधक दिलकश कादरी ने बिना अपने उच्च अधिकारियों को सूचित किए ही 391 महिलाओं का लोन स्वीकृत कर दिया था. इनके साथी सुनील साहू और नीलकमल राय ने गांव-गांव जाकर नए बैंक खाते खुलवाए और सभी से यह वादा किया कि दोना-पत्तल की फैक्ट्री खुलने पर उन्हें रोजगार प्रदान किया जाएगा. इन सभी से उनके RTGS फॉर्म पर हस्ताक्षर कराकर इनकी लोन राशि को षड्यंत्रपूर्वक अपने खातों में हस्तांतरित भी कर लिया गया. लोन राशि अक्टूबर 2023 से मई 2024 के बीच स्वीकृत की गई और किसी भी हितग्राही को यह राशि उनके खाते में प्राप्त नहीं हुई.

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लोन राशि में हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा

माइक्रो फाइनेंस कंपनी स्पंदन स्पूर्ति फाइनेंशियल लिमिटेड शाखा बैकुंठपुर की कुल 391 महिला हितग्राहियों के लिए प्रति हितग्राही 42,000 रुपए की दर से कुल 1 करोड़ 63 लाख 81 हजार रुपए लोन राशि अक्टूबर 2023 से मई 2024 के बीच स्वीकृत की गई थी. लेकिन, किसी भी हितग्राही को यह राशि उनके खाते में प्राप्त नहीं हुई. जब शाखा प्रबंधक दिलकश कादरी का स्थानांतरण हुआ और नए शाखा प्रबंधक द्वारा लोन राशि की अदायगी न होने पर सभी हितग्राहियों से बातचीत की गई, तब इस षड्यंत्र का खुलासा हुआ. यह मामला सुनियोजित आर्थिक गबन का था, जिसकी रिपोर्ट नए शाखा प्रबंधक द्वारा थाना कोतवाली में दर्ज कराई गई. पुलिस अधीक्षक कोरिया सूरज सिंह परिहार ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने के निर्देश दिए थे. 

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