छत्तीसगढ़ में 14 लाख के इनामी पूर्व नक्सली ने पास की 10वीं बोर्ड की परीक्षा, डिप्टी CM ने वीडियो कॉल पर दी बधाई

EX-Naxalite Passed 10th Exam: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का साथ छोड़कर 14 लाख के इनामी पूर्व नक्सली अब समाज की मुख्यधारा से जुड़कर अपना भविष्य संवारने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए पुलिस के सहयोग से 10वीं की परीक्षा पास कर ली है. वहीं 10वीं बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद लिवरु को डिप्टी सीएम ने वीडियो कॉल पर बधाई दी है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

EX-Naxalite Passed 10th Exam: छत्तीसगढ़ में नक्सल संगठन को छोड़कर आत्मसमर्पन करने वाले 14 लाख का इनामी नक्सली रहे लिवरु उर्फ दिवाकर ने हाल ही में 10वीं बोर्ड परीक्षा (EX-Naxalite Passed 10th Exam) पास की है. वहीं परीक्षा पास करने के बाद से ही लिवरु चर्चाओं में आ गए. हालांकि इस बीच डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बड़ी आत्मीयता के साथ लिवरु से बात की और दिवाकर की इस सफलता के लिए हार्दिक बधाई और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उसका हौसला बढ़ाया. बता दें कि लिवरु नक्सलवाद छोड़कर समाज में मुख्यधारा से जुड़ते हुए आत्मसमर्पण किया था.

डिप्टी सीएम ने कही ये बड़ी बात

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि हमारे जो भी भाई बहन रास्ता भटककर नक्सली गतिविधियों से जुड़े हैं, वो लिवरु उर्फ दिवाकर से प्रेरणा लें और मुख्यधारा में लौटकर अपने जीवन में भी सुखद परिवर्तन लाएं. हमारी सरकार और हमारी पुलिस हर तरह से सहयोग करने को तैयार है.

डिप्टी सीएम ने कबीरधाम पुलिस की सराहना की

विजय शर्मा ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की नीति से प्रभावित होकर राज्य के नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं और समाज में अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं.  उन्होंने इस बात के लिए प्रसन्नता व्यक्त की है कि कबीरधाम पुलिस की पहल और मदद से जिले के नक्सल प्रभावित गांवों के 105 छात्रों ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास कर ली है. इस दौरान डिप्टी सीएम ने सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही उन्होंने कबीरधाम पुलिस की सराहना की.

डिप्टी सीएम विजय शर्मा पूर्व नक्सल दिवाकर उर्फ लिवरु से वीडियो कॉल बात करते हुए. 

ये भी पढ़े: Swati Maliwal Case: दिल्ली पुलिस का बड़ा एक्शन, विभव कुमार को हिरासत में लिया

17 सालों तक नक्सलवाद के लिए किया काम

गौरतलब है कि सरेंडर माओवादी दिवाकर उर्फ लिवरु ने महज 16 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था. नक्सली के रूप में 17 सालों तक जंगल-जंगल भटकने के बाद अपनी पत्नी के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था. लिवरु पर 14 लाख रुपये का और उनकी पत्नी पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था. बता दें कि सरकार की पुनर्वास नीति के तहत दोनों समाज की मुख्यधारा से जुड़कर काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़े: CSK या RCB: कैसे क्वालीफाई कर पाएगी टीम, जानिए टीमों के प्लेऑफ में पहुंचने का समीकरण?