छत्तीसगढ़ के जंगलों में क्यों फ़ैल रही आग ? वन्यजीवों और वनस्पति पर खतरा मंडराया

Chhattisgarh News in Hindi : रेंजर सुरेंद्र होता ने बताया कि जंगलों में आग रोकने के लिए नागरिकों की सहभागिता जरूरी है. आमतौर पर वन विभाग के कर्मचारी फायर वॉचर की मदद से आग बुझाते हैं, लेकिन जागरूकता भी जरूरी है.

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छत्तीसगढ़ के जंगलों में क्यों फ़ैल रही आग ?  वन्यजीवों और वनस्पति पर खतरा मंडराया

Chhattisgarh News : जशपुर जिले के कुनकुरी वनपरिक्षेत्र के जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, जंगलों में महुआ एकत्र करने के दौरान आग लगाई जा रही है, जिससे वनस्पति नष्ट हो रही है और वन्य जीवों पर भी खतरा बढ़ रहा है. मामले को लेकर कुनकुरी के रेंजर सुरेंद्र होता ने बताया कि ग्रामीण महुआ के पेड़ों के नीचे आग लगा देते हैं, ताकि सूखे पत्ते और कचरा जल जाए. लेकिन आग बुझाने में सावधानी नहीं बरतने से अग्नि धीरे-धीरे पूरे जंगल में फैल जाती है. बता दें कि जंगल में आग लगने से लाखों वनौषधि पौधे नष्ट हो जाते हैं और वन्यजीवों का जीवन संकट में पड़ जाता है.

रेंजर और ग्रामीणों की टीम ने बुझाई आग

बीती रात कुनकुरी रेंज के गोली पहाड़ कृषि विद्यालय के सामने और पंडरीपानी हनुमान टेकड़ी के पीछे जंगल में आग लग गई. जैसे ही वन विभाग को जानकारी मिली वैसे ही रेंजर टीम के साथ मौके पर पहुंचे. फिर आनन-फानन में ग्रामीणों की मदद से आग बुझाने का काम शुरू किया. कई घंटों की मेहनत के बाद आग पर काबू पा लिया गया.

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रेंजर सुरेंद्र होता ने बताया कि जंगलों में आग रोकने के लिए नागरिकों की सहभागिता जरूरी है. आमतौर पर वन विभाग के कर्मचारी फायर वॉचर की मदद से आग बुझाते हैं, लेकिन जागरूकता भी जरूरी है. लेकिन फिर भी अगर ग्रामीण महुआ इकट्ठा करने के लिए आग न लगाएं या फिर ऐसे में कुछ सावधानी बरतें, तो काफी तक तक जंगलों को हानि से बचाया जा सकता है.

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