CREDA Samvida Workers Protest: छत्तीसगढ़ राज्य नवीकरणीय ऊर्जा विकास प्राधिकरण (क्रेडा) में सेवाएं देने वाले 600 से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर हैं. हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि वे 10 साल से सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अब क्रेडा प्रबंधन (CREDA Management) ने संविदा से हटाकर अनुबंध प्रथा के तहत ठेका कर्मचारी बनाने का आदेश जारी कर दिया है. कर्मचारियों ने ये भी बताया कि उन पर अनुबंध पर हस्ताक्षर करने का दबाव भी बनाया जा रहा है. अगर वे अनुबंध पर हस्ताक्षर कर देंगे तो वे ठेका श्रमिक बन जाएंगे. क्रेडा प्रबंधन की इस नीति के विरोध में वे हड़ताल (CREDA Employees Strike) कर रहे हैं.
कर्मचारी संघ ने मांगें नहीं मानने पर दी चेतावनी
छत्तीसगढ़ क्रेडा क्लस्टर जन कल्याण संघ के प्रदेश सचिव लीलाधर साहू का कहना है कि शासन-प्रशासन के सभी जिम्मेदारों से मुलाकात के बाद भी अब तक उचित निर्णय नहीं लिया गया है. यही कारण है कि कर्मचारी हड़ताल के लिए मजबूर हुए हैं. अगर समय रहते उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो आंदोलन को और बड़ा रूप दिया जा सकता है. लीलाधर साहू ने बताया कि विभाग के अधिकारी उनकी मांगों को लेकर उदासीन बने हुए हैं, जिसके चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि क्रेडा विभाग का जमीनी कार्य हम टेक्नीशियन ही करते हैं, लेकिन हमारे प्रति ही उनका रवैया उदासीन है. हम लोगों के वेतन में प्रतिमाह 10 से 12 हजार रुपये की कमी कर दी गई है, ऐसे में जीवन यापन भी मुश्किल हो रहा है.
क्रेडा कर्मचारियों की मांगें
छत्तीसगढ़ राज्य नवीकरणीय ऊर्जा विकास प्राधिकरण (क्रेडा) के कर्मचारियों ने क्रेडा प्रबंधन से कई मांगें रखीं हैं. जिनमें अनुबंध प्रथा की जगह संविदा नियुक्ति, पहले की तरह ही वेतनमान, पीएफ और ईएसआई की सुविधा का लाभ, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काम करने वाले टेक्नीशियन को नक्सल भत्ता, यात्रा भत्ता को बढ़ाकर 3500 रुपये प्रतिमाह और हर वर्ष 20 प्रतिशत वृद्धि, क्रेडा द्वारा टेक्नीशियन का इंश्योरेंस और शासकीय अवकाश का लाभ देने सहित कई मांगें शामिल हैं.
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